रविवार, जुलाई 13, 2025
  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video
liveskgnews
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
liveskgnews
13th जुलाई 2025
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

सत्यता की निशान है सभ्यता

शेयर करें !
posted on : सितम्बर 18, 2022 5:27 अपराह्न
देहरादून (मनोज श्रीवास्तव): आजकल एक विशेष भाषा बहुत यूज़ करते हैं कि हमसे असत्य देखा नहीं जाता, असत्य सुना नहीं जाता, इसलिए असत्य को देख झूठ को सुन कर के अन्दर में जोश आ जाता है। तो क्या यह भाषा राईट है? अगर वह असत्य है और आपको असत्य को देख जोश आता है तो जोश सत्य है या असत्य है? जोश भी तो असत्य है ना! हम यह करके दिखायेंगे, यह चैलेन्ज करना राइट है?
यह सदैव याद रखो कि सत्यता की निशानी क्या है! जो स्वयं सत्यता पर है और असत्य को खत्म करना चाहता है, लक्ष्य तो बहुत अच्छा है लेकिन असत्यता को खत्म करने के लिए अपने में भी सत्यता की शक्ति चाहिए। आवेशता या जोश यह सत्यता की निशानी है? सत्यता में जोश आयेगा? तो अगर झूठ को देख करके मुझे गुस्सा आता है, तो राईट है? कोई आग लगायेगा तो सेक नहीं आयेगा कि सेक प्रुफ हो सकते हैं? अगर हमें नॉलेज है कि यह असत्यता की आग है और आग का सेक होता है तो पहले अपने को सेफ करेंगे ना कि सेक में थोड़ा सा जल भी जाए तो चलेगा, हर्जा नहीं। तो सदैव यह याद रखो कि सत्यता की निशानी है सभ्यता।
मनोज श्रीवास्तव, उपनिदेशक सूचना
अगर आप सच्चे हो, सत्यता की शक्ति आप में है तो सभ्यता को कभी नहीं छोड़ेंगे, सत्यता को सिद्ध करो लेकिन सभ्यतापूर्ण। अगर सभ्यता को छोड़कर असभ्यता में आकरके सत्य को सिद्ध करना चाहते हो तो वह सत्य सिद्ध नहीं होगा। आप सत्य को सिद्ध करना चाहते हो लेकिन सभ्यता को छोड़ करके अगर सत्यता को सिद्ध करेंगे तो जिद्द हो जायेगा। सिद्ध नहीं। असभ्यता की निशानी है जिद और सभ्यता की निशानी है निर्मान। सत्यता को सिद्ध करने वाला सदैव स्वयं निर्मान होकर सभ्यता पूर्वक व्यवहार करेगा। होशियारी को छोड़कर निर्मान बनो।
दुनिया वाले भी कहते हैं कि सत्य को अगर कोई सिद्ध करता है तो कुछ न कुछ समाया हुआ है। कई बच्चों की भाषा हो गई है, मैं बिल्कुल सच बोलता हूँ, 100 प्रतिशत सत्य बोलता हूँ। लेकिन सत्य को सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है। सत्य ऐसा सूर्य है जो छिप नहीं सकता। चाहे कितनी भी दीवारें कोई आगे लाये लेकिन सत्यता का प्रकाश कभी छिप नहीं सकता। सच्चा आदमी कभी अपने को यह नहीं कहेगा कि मैं सच्चा हूँ। दूसरा कहे कि आप सच्चे हो। अच्छा।
तो हम अभी क्या करेंगे? स्व परिवर्तन करना। दूसरे के परिवर्तन की चिन्ता नहीं करना, इसको शुभ चिन्तक नहीं कहा जाता है। फिर कहते हैं हम चिन्ता नहीं करते हैं, शुभ चिन्तक है ना! लेकिन स्व को भूल दूसरे के शुभ चिन्तक बनना इसको शुभ चिन्तक नहीं कहा जाता है। सर्व के साथ पहले स्व होना चाहिए। स्व नहीं और सर्व के शुभ चिन्तक बनने चलो तो तीर नहीं लगेगा, सफलता नहीं मिलेगी। पहले स्व और स्व के साथ सर्व ।
बहुतों की नजदीक की नज़र बहुत तेज हो रही हैं और कई बच्चों की फिर दूर की नज़र बहुत तेज हो रही है। लेकिन मैजारिटी की दूर की नज़र तेज है, नजदीक की नज़र कुछ ढीली है। देखना चाहते हैं लेकिन स्पष्ट देख नहीं पाते हैं और फिर होशियारी क्या करते हैं? कोई भी बात होगी तो अपने को सेफ रखने के लिए दूसरों की बात बड़ी करके स्पष्ट सुनायेंगे। अपनी बड़ी बात को छोटा करेंगे और दूसरे की छोटी बात को बड़ा करेंगे यह होशियारी मैजारिटी की देखी। सदा सावधान करते हैं कि समय पर जागे और समय प्रमाण परिवर्तन किया तो यह कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन समय के पहले परिवर्तन किया तो आपके पुरुषार्थ में यह पुरुषार्थ की मार्क्स जमा होगी और अगर समय पर किया तो समय को मार्क्स मिलेगी आपको नहीं मिलेगी।
निश्चयबुद्धि अर्थात् विजयी। इसलिए चेक करे कि निश्चयबुद्धि कहाँ तक बने हैं और विजयी कहाँ तक बने हैं! क्योंकि हमारे जीवन का फाउण्डेशन है निश्चय और निश्चय का प्रमाण है विजय। चेक करे कि निश्चय और विजय दोनों की परसेन्टेज एक है या अन्तर है? निश्चय की परसेन्टेज सभी ज्यादा अनुभव करते हैं और विजय की परसेन्टेज निश्चय से कम अनुभव करते हैं। जब किसी से भी पूछते हैं कि निश्चय कितना है तो सभी कहते हैं 100 परसेन्ट, और निश्चय की निशानी विजय कितनी है? तब उसे क्या उसमें 100 परसेन्ट कहेंगे?

अव्यक्त बाप दादा मुरली,मधुबन प्रजापिता ईश्वरीय विश्वविद्यालय 15अप्रैल 1992

लेखक : मनोज श्रीवास्तव, उप निदेशक सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग उत्तराखंड

हाल के पोस्ट

  • ये IAS हैं बेहद खास, जहां रहे, वहां छोड़ी अपनी छाप, ये हैं उनकी बड़ी उपलब्धियां
  • उत्तराखंड में ऑपरेशन “कालनेमि” : बाबाओं के वेश में ठगी करने वालों पर पुलिस का शिकंजा, 134 ढोंगी गिरफ्तार
  • उत्तराखंड : अगले 5 दिन हो सकती है भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
  • मसूरी माल रोड पर सुबह-सुबह दुकान में लगी भीषण आग, सामान जलकर राख
  • “हरित भविष्य की दिशा में एक कदम” एनडीआरएफ की पहल
  • स्कूल से लौट रहे दो छात्र पेड़ के नीचे दबे, दोनों की दर्दनाक मौत
  • उत्तराखंड : पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट के आदेश में उलझा निर्वाचन आयोग, स्थिति साफ करने का करेगा अनुरोध
  • एसपी अजय गणपति एवं एसपी रेखा यादव के निर्देशन में चंपावत – पिथौरागढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई : नेपाल सीमा पर 10 करोड़ तेईस लाख चौरासी हजार रुपये की MDMA ड्रग्स के साथ महिला तस्कर गिरफ्तार, अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की जांच जारी
  • कांवड़ मेला 2025 : मंगलौर पुलिस सख्त, 27 डीजे संचालकों को थमाए नोटिस, दिए कड़े निर्देश
  • एसपी तृप्ति भट्ट के निर्देशन में जीआरपी ने पेश की नई मिसाल, अमेरिकी यात्री ने की मुक्त कंठ से प्रशंसा, कहा- उत्तराखंड पुलिस की ड्यूटी और मानवता लाजवाब
liveskgnews

सेमन्या कण्वघाटी हिन्दी पाक्षिक समाचार पत्र – www.liveskgnews.com

Follow Us

  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video

© 2017 Maintained By liveskgnews.

No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

© 2017 Maintained By liveskgnews.