देहरादून : दृढ़ता, निश्चय बुद्धि का अनुभव कराता है। दृढ़ता सदा निश्चय अटल बनाता है और कभी डगमग भी होने देता । निश्चय बुद्धि की निशानी है – हर कार्य में, चाहे व्यावहारिक हो, चाहे पारमार्थिक हो, लेकिन हर कार्य में विजय का अनुभव होगा। कैसा भी असाधारण कर्म हो, लेकिन विजय का अधिकार उसको अवश्य प्राप्त होगा, क्योंकि ऐसे व्यक्ति का विशेष जन्म सिद्ध अधिकार विजय है। कोई भी कार्य में स्वयं से दिल शिकस्त नहीं होगा, क्योंकि उसे निश्चय है कि विजय जन्म सिद्ध अधिकार है।
तो चेक करें कि क्या हमारे पास इतना अधिकार का नशा रहता है। जिसका भगवान मददगार है उसकी विजय नहीं होगी तो किसकी होगी! कल्प पहले भी था कि जहाँ भगवान है वहाँ विजय है। चाहे पांच पाण्डव दिखाते हैं, लेकिन विजय क्यों हुई? भगवान साथ है , तो जब कल्प पहले यादगार में विजयी बने थे।
अतः कभी भी कोई कार्य में संकल्प नहीं उठना चाहिए कि ये होगा, नहीं होगा, विजय होगी या नहीं, होगी.. – यह क्वेश्चन उठ नहीं सकता। कभी भी दृढ निश्चयबुद्धि वाले की हार हो नहीं सकती। इस भावी को कोई टाल नहीं सकता। इतना दृढ़ निश्चय वला सदा आगे उड़ाता रहेगा। तो सदा विजय की खुशी में नाचते गाते रहेगा।
अव्यक्त महावाक्य बाप दादा मुरली 18.1.1969
लेखक : मनोज श्रीवास्तव, सहायक निदेशक सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग देहरादून
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