बड़े-बड़े दांव लगा कर, सिद्धियों का जुआं खेल रहे हैं लोग
देहरादून : धर्म सत्ता में जल्दी अहंकार दिख जाता है। इसलिये इनकी स्वाभिमान गायब मिलती है। नाम है धर्म, लेकिन...
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Read moreself respect स्वमान ही हैं मैं कौन हूँ ? एक पजल, पहेली का हल देहरादून : मैं कौन हूँ ?...
Read moreदेहरादून : सिद्ध स्वरूप बनने का अर्थ है हमारा हर बोल और संकल्प सिद्ध हो। अर्थात सारे दिन में जो...
Read moreदेहरादून : श्रेष्ठ टीचर के पीछे देख कर चलने वाले, करने वाले, आगे बढने वालों की लाईन लगी होती है।...
Read moreदेहरादून : यदि कभी भी कोई भी अचानक हमारा फोटो निकाले तब और कोई फोटो नहीं आये बल्कि "मुस्कराहट का...
Read moreदेहरादून : झूठ दो प्रकार के होते है पहला दूसरो से झूठ बोलना और दूसरा है स्वयं से झूठ बोलना।...
Read moreदेहरादून : कम्पलेंट समाप्त होने पर कम्पलीट बन जाते हैं। हम तीन स्तरों पर अपना शिकायत करते हैं। पहला स्वयं...
Read moreदेहरादून : राजऋषि में राजा और ऋषि दोनो के गुण मिलते है। राजा भोग करने वाला और ऋषि त्याग करने...
Read moreदेहरादून : साइंस की पॉवर का प्रयोग के अंतर्गत कारण से होकर फिर समाधान पर फोकस किया जाता है जबकि...
Read moreदेहरादून : कार्य की क्षमता बढाने के लिए हमारे लिए पाजिटिव थाट एनर्जी बूस्टर का कार्य करता है। जब मन...
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