बिहार ब्यूरो
पटना : बिहार में कोरोना के कारण जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिजनों को हर हाल में 10 जनवरी तक अनुग्रह अनुदान भुगतान करने को कहा गया है । आपदा प्रबंधन ने इस बाबत जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। पत्र में विभाग ने लंबित भुगतान की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। इसके लिए एक फॉर्मेट भी भेजा गया है। आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव एम रामचन्द्रुडु की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में गौरव कुमार बंसल सहित अन्य की ओर एक याचिका दायर की गई है। याचिका में कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान के भुगतान से संबंधित सभी मामलों में एक सप्ताह के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाना था।
आपदा प्रबंधन ने पूर्व में लिखे पत्र में जिलों को कहा था कि वह कोरोना के मृतकों के परिजनों को 28 दिसम्बर तक लंबित अनुग्रह अनुदान का भुगतान कर दें और उसकी स्टेटस रिपोर्ट भी भेज दें। लेकिन किसी भी जिले से स्टेटस रिपोर्ट नहीं आई। छह जनवरी तक विभाग को किसी भी जिले ने कोई रिपोर्ट नहीं भेजी। इसके बाद ही आपदा प्रबंधन विभाग ने दुबारा जिलों को पत्र भेजा। विभाग ने कहा है कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट समर्पित की जानी है। इसके आलोक में यह जरूरी है कि राज्य में कोरोना से मृतकों के परिजनों का लंबित अनुग्रह अनुदान हर हाल में 10 जनवरी तक भुगतान कर दिया जाए। साथ ही उसकी रिपोर्ट भी विभाग को दें ताकि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में पूरी विवरणी के साथ बिहार सरकार फैक्टशीट पेश कर सके। विभाग ने जिलाधिकारियों को कहा है कि वे इस आदेश को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
फॉर्मेट में पूरी जानकारी देनी होगी
विभाग की ओर से जिलों को भेजी गई फॉर्मेट में पूरी जानकारी देने को कहा गया है। इसके तहत पहले कॉलम में जिलों का नाम लिखा रहेगा। इसके बाद संबंधित जिले में कोविड 19 से मारे गए मृतकों की संख्या लिखनी है। अब तक उस जिले में कितने लोगों ने अनुग्रह अनुदान के लिए दावा किया और उसमें से कितने दावे स्वीकार किए गए और कितने को अस्वीकृत किया गया, इसकी जानकारी भी मांगी गई है। अब तक लंबित दावों की संख्या के साथ ही जिलों को यह भी बताने को कहा गया है कि चार लाख की राशि कितने को दी गई और केंद्र सरकार की ओर से घोषित 50 हजार की अतिरिक्त राशि कितने लोगों को दी गई है। रिपोर्ट के आधार पर जिलों को अगर कुछ विशेष टिप्पणी करनी है तो वह भी उनसे मांगी गई है।