पोखरी (चमोली)। विकास खंड सभागार पोखरी में प्रधानों तथा वार्ड सदस्यों को पंचायत से संबंधित कार्यों की जानकारी देने के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हो गया है।
निदेशक पंचायती राज निधि यादव के निर्देशानुसार प्रदेशभर में पंचायत प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, ताकि पंचायत स्तर पर प्रशासनिक क्षमता, पारदर्शिता और विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को मजबूत किया जा सके। इसी क्रम में विकास खंड सभागार में प्रधानों और वार्ड सदस्यों हेतु आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जहां विशेषज्ञों द्वारा पंचायत राज व्यवस्था, वित्तीय प्रबंधन, जनभागीदारी और योजनाओं की निगरानी से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
प्रशिक्षण के पहले दिन, डीपीआरओ रमेश चंद्र त्रिपाठी और मास्टर ट्रेनर एडवोकेट श्रवण सती ने उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित किया। उन्होंने 73वें संविधान संशोधन के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसने भारत में त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था की नींव रखी। इस अवसर पर, उन्होंने ग्राम पंचायतों के गठन, उनकी प्रशासनिक संरचना और ग्राम सभाओं के माध्यम से विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया।
प्रशिक्षण सत्रों में पंचायतों के वित्तीय प्रबंधन, योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन से जुड़ी प्रक्रियाओं, जनभागीदारी के महत्व और वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखने जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी जोर दिया गया। प्रतिनिधियों को विभिन्न योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में विकास को गति दे सकें।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर, प्रमुख राजी देवी, ज्येष्ठ प्रमुख ऊषा कंडारी, खंड विकास अधिकारी शिव सिंह भंडारी, एडीओ पंचायत प्रदीप नेगी, और वल्ली के प्रधान देवी लाल, ब्राह्मणथाला के प्रधान दीपक थपलियाल, सटियाना के प्रधान जय प्रकाश डिमरी, खन्नी की प्रधान लता देवी, गोदी गिवाला की प्रधान बीना देवी, पोगठा की प्रधान रेशम देवी, और भिकोना की प्रधान सुचिता देवी सहित कई अन्य ग्राम प्रधान और वार्ड सदस्य उपस्थित रहे।


