गोपेश्वर (चमोली)। उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन शाखा चमोली की ओर से मंगलवार को अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी चमोली के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन भेजकर उनकी मांगों का निराकरण करने की मांग की है।
उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन की चमोली शाखा की अध्यक्ष उर्मिला नेगी और सचिव सुमन देवी का कहना है कि उनकी यूनियन लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगाती आ रही है लेकिन उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत भोजन माता अधिकांशतया गरीब घरों की है। लेकिन सरकार से मांग करते आ रहे है कि उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए, किंतु उनकी मांग पर गौर नहीं किया जा रहा है। यूनियन ने मांगों को लेकर 20 मई से आंदोलन का मन बनाया था, परंतु अब यह आंदोलन नौ जुलाई तक के लिए स्थगित किया गया है। इसलिए मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि उनकी कार्यावधि छह घंटे पूर्व की भांति रखी जाए, भोजन माताओं को जब तक राज्य कर्मचारी दर्जा नहीं दिया जाता तब तक उन्हें न्यूनतम वेतन तथा सामाजिक सुरक्षा दी जाए, भोजन माताओं को हटाया न जाए, मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार उनका वेतन छह हजार रूपये किया जाए, भोजन माताओं को जून माह का वेतन दिया जाए तथा दो लाख का प्रोत्साहन भत्ता दिया जाए। ज्ञापन देने वालों में विजया डंगवाल, उषा देवी, अनिता सती आदि मौजूद रहे।


