posted on : अप्रैल 23, 2025 7:43 अपराह्न
देहरादून। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने कश्मीर में हुए हालिया आतंकी हमले को कायराना और अमानवीय करतूत करार दिया है। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जो लोग इस तरह की हिंसक गतिविधियों को अंजाम देते हैं, वे इंसानियत के दुश्मन हैं। कासमी ने सरकार से मांग की है कि इन आतंकियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की कायराना हरकत करने का साहस न कर सके।
मुफ्ती कासमी ने कहा कि सबसे पहली जरूरत उन पर्यटकों के परिवारों को सहारा देने की है जो इस हमले का शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस दुखद घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और अब समय आ गया है कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए। कासमी ने केंद्रीय गृह मंत्री और प्रधानमंत्री से अपील की कि आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जाए और इस देश की धरती को ऐसे खूनी तत्वों से मुक्त कराया जाए।
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत शर्मनाक है कि कुछ लोग इस्लाम के नाम पर ऐसे जघन्य अपराध कर रहे हैं। कासमी ने जोर देकर कहा कि इस्लाम का इन आतंकियों से कोई लेना-देना नहीं है। इस्लाम एक अमन और शांति का धर्म है, जो मासूमों की हत्या को पूरे मानव समाज की हत्या मानता है। उन्होंने कहा, “जो लोग बेगुनाहों का खून बहाते हैं, वे इस्लाम के नहीं, बल्कि इंसानियत के भी गुनहगार हैं।”
मुफ्ती कासमी ने कहा कि आज कुछ कट्टरपंथी तत्व इस्लाम की teachings को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं, जिससे पूरी दुनिया में मुसलमानों की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा कि इस्लाम का मूल संदेश प्रेम, भाईचारा और मानवता है। आतंकवाद की कोई भी कोशिश इस पवित्र धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ है। “जो हुआ है वह इस्लाम नहीं, आतंकवाद है,” उन्होंने जोर देकर कहा।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड अध्यक्ष ने समाज से भी अपील की कि वे ऐसे समय में एकजुट रहें और आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करें। उन्होंने कहा कि आतंक का मकसद डर और नफरत फैलाना है, लेकिन हमें इसके जवाब में प्रेम, भाईचारे और एकता का संदेश देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को चाहिए कि कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की जाए तथा आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही कासमी ने उन सुरक्षा बलों का भी धन्यवाद किया जो अपनी जान की परवाह किए बिना देशवासियों की सुरक्षा में लगे हुए हैं।
मुफ्ती कासमी ने इस अवसर पर देश के तमाम धार्मिक नेताओं से भी आह्वान किया कि वे आतंकवाद के खिलाफ खुलकर आवाज उठाएं और साफ करें कि कोई भी धर्म, विशेषकर इस्लाम, निर्दोषों के कत्लेआम की इजाजत नहीं देता। उन्होंने कहा कि जब तक हम सब मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े नहीं होंगे, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। उन्होंने कहा कि आतंकियों के लिए इस धरती पर कोई जगह नहीं होनी चाहिए और उन्हें उनके गुनाहों की सजा जल्द से जल्द दी जानी चाहिए। कासमी ने अंत में कहा कि देश को इस चुनौती का सामना धैर्य, हिम्मत और एकजुटता के साथ करना होगा। आतंक और नफरत की हार तय है, बस जरूरत है मजबूत इरादों और सख्त कार्रवाई की।


