कोटद्वार / गढ़वाल : उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने आरोप लगाया कि सरकार अपने ही अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद न्याय नहीं दे पा रही है. उविपा अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि प्रथम बैच के PCS अधिकारियों को IAS संवर्ग में प्रोन्नत करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी इन पीसीएस अधिकारियों को आईएएस संवर्ग में प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है। यह गजब की बात है कि उत्तराखंड राज्य में ही उत्तराखंड राज्य के ही मूल निवासियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। चंद अधिकारी इस राज्य को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं और वह नहीं चाहते कि इस राज्य के मूल निवासी आईएएस संवर्ग पर पदोन्नत होकर राज्य को चलाने में अपना सहयोग दें व भविष्य में राज्य के नीति निर्धारक पदों जैसे मुख्य सचिव के पद तक पहुंच पायें। इसलिए यह चंद बाहर के अधिकारी सरकार की छीछालेदर करा रहे हैं।
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p style=”text-align: justify;”>उविपा अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा कि प्रथम बैच के इन पीसीएस अधिकारियों ने राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कंटेंप्ट पिटिशन लगाई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि याचिका संख्या 1606 में दिए गए आदेशों का पालन राज्य सरकार ने अभी तक नहीं किया है। उविपा अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने बताया कि प्रथम पीसीएस बैच ने 2012 में ही आईएएस संवर्ग में प्रमोट होने की अहर्ता प्राप्त कर ली थी, मगर उत्तराखण्ड के बाहर के कुछ आईएएस अधिकारियों की आंखों में किरकिरी मच गई और मजबूरन पीसीएस अधिकारियों को हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। मगर फिर भी इन IAS अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया और आज सरकार के ही अधिकारी सरकार के ही खिलाफ कंटेम्प्ट पेटिशन लगा चुके हैं यह सरकार को आईना दिखाता है जिस राज्य में पीसीएस अधिकारियों को ही न्याय के लिए कोर्ट की शरण लेनी पड़ रही हो वहाँ आम आदमी के काम की क्या हालत होगी।