नारायणबगड (चमोली)। लोक निर्माण विभाग की लापरवाही चमोली जिले के नारायणबगड़-परखाल सड़क पर बड़ी दुर्घटना को न्यौता दे रही है। यहां खस्ताहाल हो चुके पुल का विभाग की ओर से सुधारीकरण करने के बजाय पुल के छोरों पर चेतावनी बोर्ड लगाकर अपनी जिम्मेदारी से किनारा कर लिया है। जबकि इस पुल से आये दिन बड़ी संख्या में यात्री वाहनों की आवाजाही हो रही है।
नारायणबगड़ ब्लॉक के परखाल सहित 20 से अधिक गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिये लोनिवि की ओर से 90 के दशक में नारायणबगड़-परखाल सड़क पर ब्लॉक कार्यालय के समीप पुल का निर्माण किया गया था। जिसके बाद से यहां पुल की निर्धारित क्षमता से अधिक भार वाले वाहनों का संचालन किया जा रहा था। ऐसे में रख-रखाव के अभाव में अब पुल जर्जर हो गया है। पुल के जहां सेक्शन गार्ड मुड़ गये हैं वहीं पुल के दोनों छोर पर की गई वैल्डिंग भी टूटने लगी है। ऐसे में यहां पुल के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बनी हुई है। स्थानीय निवासी गिरीश कंडवाल और चन्द्रमोहन का कहना है कि विभागीय अधिकारियों से पुल सुधारीकरण की मांग करने पर विभाग की ओर से जहां पुल के दोनों छोरों पर चेतावनी बोर्ड लगा दिये गये है। वहीं भारी वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिये बड़े-बड़े पत्थर रख कर मामले से किनारा कर लिया है। ऐसे में यहां प्रतिदिन आवाजाही करने वाले वाहनों दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बनी हुई है।
क्या कहते है अधिकारी
नारायणबगड़-परखाल पुल के सुधारीकरण की योजना तैयार की गई है। पुल के सुधारीकरण के लिये लोहे की प्लेटें और अन्य आवश्यक सामग्री मंगवाई गई है। सामग्री के पहुंचते ही पुल की मरम्मत करवाई ली जाएगी।
जीतेंद्र कुमार, सहायक अभियंता, लोनिवि
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