रूडकी / हरिद्वार : विश्व दुग्ध दिवस पर दुग्ध कर्मचारियों ने दूध में की जाने वाली मिलावट को रोकना तथा समाज को जागरूक करने का संकल्प लिया. दुग्ध कर्मचारियों ने संकल्प लेते हुए कहा कि दूध में उपलब्ध वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिंस मिनरल्स के कारण दूध पूर्ण पौष्टिक आहार है. जो बच्चों बूढ़ों और जवानों के लिए यह शाकाहारी आहार है.
दिनेश सैनी गुणवत्ता नियंत्रक ने विश्व दुग्ध दिवस के आयोजन पर दुग्ध शाला शिकारपुर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि मांसाहारी भोजन के दुष्परिणामों से आज शुद्ध शाकाहारी भोजन विशेषकर दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों का उपयोग विश्व में बढ़ा है.
दुग्ध निरीक्षक सहदेव सिंह पुंडीर ने कहा दुग्ध उत्पादन में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है परंतु विश्व दुग्ध व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 1% से भी कम है दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थो की गुणवत्ता सुधारने तथा अप मिश्रण रोकने की आवश्यकता है. उत्तराखंड के परिपेक्ष में दुग्ध व्यवसाय स्वरोजगार उत्पन्न करने एवं पलायन रोकने में मददगार साबित हो रहा है.
कर्मचारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए संपूर्ण कोरोना कॉल में आंचल दूध फैक्ट्री चलाई विश्व दुग्ध दिवस पर संकल्प किया की दूध एवं दुग्ध पदार्थो की गुणवत्ता एवं अपमिश्रण जानकारी के लिए समाज को जागरूक करेंगे तथा शाकाहार को बढ़ावा देंगे। इस अवसर पर राकेश चौधरी, सुधीर, कुलदीप, संजय, कुलबीर, विशाल, राशिद, शिवकुमार, मनोज, नीरज, शकुंतला, संदीप, शौकीन, अशोक नेगी उपस्थित रहे ।
Discussion about this post