posted on : फ़रवरी 11, 2021 10:05 अपराह्न
- “बाहर छज्जे पर क्यों खड़ी हो ? “
- “छत पर इतनी देर से क्या कर रही हो ?”
- “तुम उसे अकेले क्यों भेजती हो … आजकल अजनबी क्या अपनों पर विश्वास नहीं कर सकते ।”
- एक दिन “सनो बड़की दीदी का फ़ोन था कह रही थी उन्हें गुड्डो पसंद है “
- “अब आगे क्या करना है? “
- ” करना क्या है कुंडली मिल गयी ,लेन देन की बात हो गयी और सबसे अहम बात लड़के ने फ़ोटो देख गुड्डो को पसंद कर लिया है । बस अब चट मँगनी पट ब्याह. और हाँ ये फ़ोन पर बात करने की ज़रूरत नही जितना लड़की बात करेगी उतना बात बिगड़ने का डर ।” आज दुल्हन के लाल जोड़े में गुड्डो डोली में बैठ गयी। उसे उसके परिवार ने ही किसी अजनबी को आत्मसमर्पण करने के लिए सौंप दिया ।
- लेखिका : शिवानी खन्ना, दिल्ली