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SDRF : हे पार्थ, तुम संख्या बल में मत जाना, वो अद्धभुत
देहरादून : बड़े लक्ष्य सदैव ही भगीरथ प्रयास और दधीचि त्याग की कामना रखते है, जहाँ एक सात वर्षीय नन्हे पथिक ने अपने नन्हे पगों से बड़ी दूरियाँ तय करने की ठानी है जिसने अपने मानव सेवा की जिद और स्वयं के समाज के प्रति समर्पण से देवभूमि के मानव हृदय में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है । वही आज यह नन्हा पथिक एक महारथी बन कोविड दानव से द्वंद्व में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, अपने अल्प संख्या बल किन्तु अपार आत्मविश्वास ओर गजब की कार्य पारंगतता से निश्चय ही इस महारथी ने सबको चौकाया है सबका ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है.
आज SDRF द्वारा विश्व के विशाल धार्मिक मेले ओर देवभूमि संस्कृति के ताज हरिद्वार कुम्भ में कोविड मुक्त कुम्भ का प्रयास जनजागरूकता अभियानों की शक्ल में द्रुत गति से चल रहा है, जहाँ एक और SDRF योद्धा हर नगर वासी को कोविड से बचाव और खतरों की जानकारी से अवगत करा रहे हैं वहीं इस योद्धा ने सोशल मीडिया को भी अपने तरकश का अहम हथियार बनाया है जिसकी मदद से से प्रतिदिन लाखो लोगो तक जानकारी को पहुँचाया जा रहा है, FM रेडियो में प्रतिदिन बजने वाला जिंगल ….कुम्भ जिसकी …..एक डुबकी में …जीवन का…… सार मिल …..जाये कुम्भ ….जिसकी एक डुबकी …… को रेडियो प्रेमियों के मध्य अत्यधिक पसन्द किया जा रहा है। वही कुम्भ नगरी पहुंचने वाले हर वाहन पर कोविड मुक्त कुम्भ के प्रयास का अपील , स्टीकर की शक्ल में हर वाहन में चिपकाने की कोशिश की जा रही है वही कोविड से ढाल के रूप में अध्यात्म रूप सज्जा में चमकते होल्डिंग को भी SDRF द्वारा प्रयोग किया जा रहा है। अवश्य ही इस कोरोना वारियर्स का यह सरल किन्त दृढ़ निश्चय स्वरूप कोविड मुक्त कुम्भ के प्रयास को अवश्य ही साकार करेगा। और देवभूमि की सांस्कृतिक और पारंपरिक पोटली को सहेज कर रखने में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएगा।
हे पार्थ !
तुम सँख्या बल में मत जाना वो अदुभुत हैं
वो व्योम रूप
वो व्यधि हरण
, वो अनुपम है
स्वांगरूप से कोष दूर , गहरे सागर के मोती हैं
वो दृढ़ दुर्ग
वो मर्महृदयी
वो देवभूमि की थाती है
राज्य आपदा प्रतिवादन बल ये सत्यवृत्त में खाकी है
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