कोटद्वार । पुरानी पेंशन योजना कि बहाली को लेकर प्रदेश भर में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के द्वारा चलाए जा रहे आन्दोलन के लिए ब्लॉक प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह राणा ने पुरानी पेंशन व्यवस्था और सामान्य भविष्य निधि व्यवस्था को पुनः लागू करने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। योजना की बहाली को लेकर राज्यपाल कार्यालय द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय को पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने के लेकर पत्र प्रेषित किया गया है। जिस पर शीघ्र कार्यवाही होने की संभावना है। गौरतलब है कि देश में केंद्रीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था 1 जनवरी 2004 से और राज्य में राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था 1 अक्टूबर 2005 से समाप्त कर दी गई है, इसके स्थान पर नई पेंशन व्यवस्था लागू की गई है जो पूरी तरह बाजार आधारित है और कर्मचारियों के आर्थिक हितों पर तुषारापात है.
प्रदेश स्तर पर संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी निरन्तर सक्रियता बनाये हुए हैं जिसके क्रम में बुधवार को आयोजित गूगल मीट बैठक में रुद्रप्रयाग से नीलम बिष्ट ने कहा कि बुढापा स्वयम में एक कमज़ोर स्थिति है जिसमे नई पेंशन योजना की बदहाली कर्मचारियों को लगातार कमज़ोर कर रही है।कुमाउं मण्डल उपाध्यक्ष रेनु डांगला ने कहा कि लगातार जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर संयुक्त मोर्चा कर्मचारियों व हुक्मरानों दोनो को जागरूक करने का लगातार प्रयास कर रहा है। शीघ्र इसके सकारात्मक परिणाम सामने आने की संभावना है। दीपावली के दिवस पर पुनः इस अति आवश्यक मांग के लिए ध्यान आकर्षित करते हुए पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर रंगोली सजाई जाएगी जिसमें सम्पूर्ण कर्मचारी समाज प्रतिभाह करेगा।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा लगातार पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आंदोलनरत है और उनके द्वारा वर्तमान में पोस्टकार्ड अभियान चलाया जा रहा है, मोर्चे के प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने बताया कि अभी तक उत्तराखंड से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को 83हजार पोस्टकार्ड पुरानी पेंशन बहाली की माँग को लेकर भेजे जा चुके हैं, सीताराम पोखरियाल ने यह भी बताया कि राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा आगामी 14 नवम्बर को पुरानी पेंशन के समर्थन में रंगोली कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है. सभी कर्मचारियों से निवेदन है अधिक से अधिक संख्या में पुरानी पेंशन रंगोली कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए। सँघर्ष एवं मुद्दे को चर्चा में बनाये रखें।
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