गोपेश्वर (चमोली)। जहां एक ओर मैदानी क्षेत्रों में गर्मी दस्तक दे रही है वहीं उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में वर्षा और हिमपात का कहर जारी है। इस बैमौसमी वर्षा के कारण निचले क्षेत्रों में गेहूं की फसल बर्बाद होने के कगार पर आ गई है। आय दिन आपराह्न बाद अचानक तेज वर्षा और आसमान में गरज के साथ तेज हवाओं और ओलों ने किसानों को ही नहीं आम जन को भी चिन्ता में डाल दिया है।
अप्रैल माह में कब-कब हुआ हिमपात
बदरीनाथ में इस अप्रैल माह 2020 में ही एक, दो, आठ, 25, 27 व 28 अप्रैल अप्रैल को हिमपात हुआ जबकि गत वर्ष 2019 में 11-17 अप्रैल व दो मई को बदरीनाथ में हिमपात हुआ
गेहूं की फसल को हो रहा नुकसान
पहाड़ के ऊंचाई वाले इलाकों गेंहू की फसल देर से पकती और कटती है। अप्रैल माह में पोखरी समेत कई इलाकों में ओला वृष्टि और बारिश ने फसलों को बर्बाद कर दिया है। वहीं मई माह का शुक्रवार को पहला दिन है मगर शुक्रवार को भी आसमान में बादल छाये हुए और बारिश होने की संभावना बनी हुई है। उर्गम घाटी में भी यही हाल है। यहां के ग्रामीण रघुवीर सिंह, मोहन सिंह कहते है कि वर्षा ओर औलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है।
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