कोटद्वार । कोरोना संक्रमण के कारण कोटद्वार नगर से निकलने वाली गुरु नानक देव जी की भव्य शोभायात्रा इस बार नहीं निकल सकी। पिछले साल तक लगातार शोभायात्रा निकलती रही है। श्रद्धालुओं के हित में इसे निरस्त कर दिया गया है। गोविंद नगर स्थित गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी की जयंती को गुरु पर्व के रूप में मनाया । गुरुद्वारे में तीन दिनों से चल रहे अखंड पाठ का समापन हुआ। इसके बाद प्रवचन, शबद-कीर्तन व अरदास सहित कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शबद-कीर्तन से पूरे शहर का माहौल भक्तिमय हो गया। भजन-कीर्तन की समाप्ति के बाद महिला श्रद्धालुओं ने गुरु नानक देव की भक्तिभाव से महाआरती की। इस दौरान प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ हरक सिंह रावत भी मौजूद रहे ।
गुरुद्वारा में आयोजित प्रवचन के दौरान गुरुद्वारे के मुख्य ग्रन्थी लखविंदर सिंह ने गुरु नानक देव के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सिख धर्म में सेवा को अत्यधिक महत्व दिया जाता है। कहा जाता है कि गुरू नानक देव ने सेवा को ही सच्चा धर्म बताया है। उन्होंने एकता का संदेश दिया था। लोभ, मोह में पड़कर सच्चाई के रास्ते से नही भटकना चाहिए। मेहनत की कमाई से ही अपने परिवार का भरण-पोषण करना चाहिए। कहा कि ईश्वर एक ही है इसलिए हमें सबके साथ मिल जुलकर प्रेम से रहना चाहिए। ईश्वर हर किसी में हर जगह मौजूद है। गुरूनानक देव ने महिलाओं के सम्मान व उन्हें बराबरी का दर्जा देने की बात भी कही। गुरु नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाज सुधारक, कवि, देशभक्त सभी के गुण समेटे हुए थे। भजन-कीर्तन के बाद सभी लोग लंगर में शामिल हुए।
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