बुलंदशहर : कोरोना वायरस के तेजी बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित है. लॉकडाउन की वजह से सड़कें सुनसान है और बाजार सूने पड़े है. जिसकी वजह से बुलंदशहर के खुर्जा स्थित पॉटरी इंडस्टी में करोड़ों का कारोबार प्रभावित है. इसके साथ ही इससे जुड़े लाखों कर्मचारियों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इंडस्ट्रीज से जुड़े हजारों लेबर सड़क पर आ गए हैं.
दरअसल, कोरोना के खतरे के चलते प्रतिदिन निर्यात होने वाली करीब एक करोड़ रुपए की पॉटरी उद्योग पर ब्रेक लग गया है. शहर के प्रमुख क्रॉकरी शोरूम भी ग्राहकों के इंतजार में सूने पड़े हुए हैं. यही हाल रहा तो कई पॉटरियों पर ताला लग सकता है. बता दें, खुर्जा में करीब 250 क्रॉकरी ईकायां संचालित हैं, जिनमें 1.20 लाख मजदूर प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं.
खुर्जा से करीब 15-20 ट्रक कॉकरी उत्पाद देश के विभिन्न हिस्सों के लिए भेजा जाता है. जिनमें इंस्यूलेटर, अर्दन वेयर, क्रॉकरी उत्पाद शामिल हैं. उद्यमियों की मानें तो प्रतिदिन एक, सवा करोड़ रुपए की कॉकरी खुर्जा से पश्चिमी बंगाल, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, राजस्थान समेत देश के अधिकांश प्रदेशों और विदेशों में खुर्जा की क्रॉकरी सप्लाई हो रही थी.
मगर, कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से क्रॉकरी की सप्लाई फिल्हाल बंद है. उधर, लॉकडाउन की वजह से दिहाड़ी मजदूरों की हालत सबसे खराब हो गई है. उनके सामने खानपान का संकट तक मंडराने लगा है. पॉटरी उद्योग के मालिक राजीव बंसल की मानें तो देश के अंदर कोरोना वायरस को लेकर हालात बने हुए हैं, उससे सबसे ज्यादा नुकसान दिहाड़ी मजदूरों का हो रहा है.
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