लखनऊ : उत्तर प्रदेश की पंचायत चुनाव व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी की जा रही है। प्रदेश सरकार अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव भी सांसदों और विधायकों की तरह सीधे जनता से करवाने पर मंथन कर रही है। सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव को लेकर राज्य सरकार जल्द ही केंद्र सरकार को आधिकारिक प्रस्ताव भेज सकती है। अगर केंद्र से हरी झंडी मिल गई, तो आगामी पंचायत चुनावों से यह नई व्यवस्था लागू हो सकती है।
ओम प्रकाश राजभर ने की पुष्टि
प्रदेश के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी इस दिशा में उठते कदमों की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी मुलाकात हुई, जिसमें उन्होंने यह सुझाव दिया कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव सीधे जनता से कराया जाए। राजभर ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे अधिकारियों को निर्देश दें कि इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जाए, ताकि समय रहते इसकी कानूनी और प्रशासनिक तैयारी पूरी की जा सके।
मुख्यमंत्री की मिली सहमति
राजभर के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव से सैद्धांतिक सहमति जताई है और जल्द प्रस्ताव केंद्र को भेजने का आश्वासन भी दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले चुनाव में ही वह इस व्यवस्था के पक्षधर थे।
केंद्रीय गृह मंत्री से भी हुई थी चर्चा
ओम प्रकाश राजभर ने जानकारी दी कि पिछले महीने दिल्ली में उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी इस मुद्दे पर बातचीत हुई थी। उस समय अमित शाह ने भी इस सुझाव पर सहमति जताई थी, और राज्य सरकार से प्रस्ताव भिजवाने का सुझाव दिया था।
इस क्रम में ही राजभर ने अब मुख्यमंत्री से मिलकर इस प्रक्रिया को औपचारिक रूप देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इस अहम मुलाकात में उनके पुत्र और सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर भी उपस्थित थे।
क्या बदलेगा इस व्यवस्था से?
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जनता सीधे वोट देकर जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनेगी।
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स्थानीय स्तर पर राजनीतिक पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ सकती है।
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दलगत राजनीति के बजाय जनभावना को प्राथमिकता मिलने की उम्मीद है।


