हर फल से ज्यादा केले में अधिक औषधि गुण पाये जाते है
लखनऊ /उत्तर प्रदेश( रघुनाथ प्रसाद शास्त्री) : केला अन्य फलों की अपेक्षा अधिक पौष्टिक होता है, साथ ही उर्जा का अच्छा विकल्प भी। लेकिन इसके अलावा भी केले में कई गुण होते हैं, जो आपकी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। जानते हैं, केले के स्वास्थ्यवर्धक गुण –
केला ग्लूकोज से भरपूर होता है, जो शरीर को तुरंत उर्जा प्रदान करने में सहायक होता है। इसमें 75 प्रतिशत जल होता है, इसके अलावा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, लोहा और तांबा भी इसमें पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
शरीर में रक्त निर्माण और रक्त को शुद्ध करने के लिए भी केला फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद लोहा, तांबा और मैग्नीशियम रक्त निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं।
आंतों की सफाई में भी केला बहुत लाभदायक होता है। साथ ही कब्ज की शिकायत होने पर केला बेहद कारगर होता है। आंतों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर या दस्त, पेचिश एवं संग्रहणी रोगों में दही के साथ केले का सेवन करने से फायदा होता है।
पके हुए केले को काटकर, चीनी के साथ मिलाकर बर्तन में बंद कर के रख दें। इसके बाद इस बर्तन को गर्म पानी में डालकर गर्म करें। इस प्रकार बनाए गए शर्बत से, खांसी की समस्या खत्म हो जाती है।
जुबान पर छाले हो जाने की स्थिति में गाय के दूध से बने दही के साथ केले का सेवन करना लाभदायक होता है। इससे छाले ठीक हो जाते हैं।
दमे के इलाज में भी केले का प्रयोग बेहद लाभकारी होता है। कई लोग इसके लिए केले को छिलके सहित सीधा या खड़ा काटकर, उसमें नमक व काली मिर्च लगाकर रातभर चांदनी में रखते हैं और सुबह इस केले को आग पर भूनकर मरीज को खिलाते हैं। ऐसा करने से दमा के रोगी को आराम मिलता है।
गर्मी के मौसम में नकसीर फूटने की समस्या होने पर एक पका केला शक्कर मिले दूध के साथ नियमित रूप से खाने पर सप्ताह भर में लाभ होता है। इससे नकसीर आना बंद हो जाता है।
चोट या खरोंच आने पर केले का छिलका उस स्थान पर बांधने से सूजन नहीं होती। इसके नियमित सेवन से आतों की सूजन भी खत्म हो जाती है। शरीर के किसी भी स्थान पर आग से जलने पर केले के गूदे को मरहम की तरह लगाने पर तुरंत राहत मिलती है ।
केले के गूदे को शहर के साथ चेहरे पर लगाने से त्वचा की झुर्रियां खत्म होती हैं, और त्वचा में कसाव आता है। इसके प्रयोग से चेरे पर प्राक़तिक चमक भी आती है।
महिलाओं में श्वेत प्रदर की समस्या होने पर, नियमित रूप से दो पके केलों का सेवन करना काफी लाभदायक होता है। प्रतिदिन एक केला लगभग 5 ग्राम शुद्ध देसी घी के साथ सुबह और शाम को खाने से भी प्रदर रोग दूर होता है।
पीलिया के इलाज में भी केले का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए केले को बगैर छीले, भीगा चूना लगाकर रातभर ओस में रखा जाता है, और सुबह छीलकर खाया जाता है। इसे खाने से पीलिया दूर हो जाता है। यह प्रयोग एक से तीन सप्ताह तक नियमित रूप से करना चाहिए।
वजन बढ़ाने के लिए भी केले का प्रयोग रामबाण उपाय है। प्रतिदिन एक पाव दूध के साथ दो पके केले का सेवन करने से वजन तेजी से बढ़ता है। लगभग एक महीने तक यह प्रयोग काफी लाभप्रद सिद्ध होता है।
आयुर्वेद के अनुसार पका केला शीतल, वीर्यवर्धक, पुष्टिकर, मांसवर्धक, भूख, प्यास, नेत्र रोगों तथा प्रमेह को नष्ट करता है। जबकि कच्चा केला पाचन के लिए भारी, वायु, कफ और कब्ज पैदा करने वाला होता है।
दिमागी सेहत के लिए भी केला बहुत फायदेमंद होता है। यह एक पौष्टिक और दिमागी क्षमता बढ़ाने वाला आहार है।
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