चमोली । बदरीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि भारत वर्ष के अन्य सीमाओं के दर्शन की व्यवस्था है उसी प्रकार उत्तराखंड में भी सीमा दर्शन कार्यक्रम को शुरू करवाने का प्रयास किया जाएगा ताकि सीमा पर रहने वाले द्वितीय रक्षा पंक्ति के लोगों का उत्साह बर्द्धन हो सके। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में हमारी गतिविधि बढ़ने से पड़ोसी देशों के हौसले भी पस्त होगें।
दो दिनों तक भारत-चीन सीमा से सटे गांव नीती घाटी के भ्रमण के बाद बुधवार को गोपेश्वर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक ने कहा कि देश की विभिन्न सीमाओं के दर्शन के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लोग पहुंचते है लेकिन उत्तराखंड में अभी यह व्यवस्था नहीं है। उनका प्रयास होगा कि भारत चीन सीमा के दर्शन के लिए ठोस कार्य योजना बनाने के केंद्र व राज्य सरकारों से वार्ता करेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि नीती घाटी क्षेत्र में बाबा बर्फानी की तर्ज पर ही डिम्मरसैण महादेव में भी बर्फ से शिव लिंग आकृति लेता है। इसलिए यहां पर भी उसी बाबा बर्फानी की तर्ज पर यात्रा शुरू करवाने को लेकर पर्यटन विभाग से योजना का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा जायेगा साथ मुख्यमंत्री से भी वार्ता कर इसे धरातल पर उतारने का प्रयास किया जाएगा। विधायक ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते लगता है कि काफी लंबे समय तक कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होना संभव नहीं है इसलिए उनका प्रयास रहेगा कि नीती घाटी से जो कैलाश पर्वत श्रृखंला दिखायी देती है उसके दर्शन को लेकर भी कार्ययोजना बनायेंगे ताकि लोग यहां आकर कैलाश के दर्शन कर सकें। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही सीमावर्ती गांवों का विकास भी होगा।
विधायक ने कहा कि उन्हें क्षेत्र भ्रमण के दौरान लोगों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया है। जिसमें सिंचाई की सुविधा, संचार व्यवस्था, आवागमन के लिए बस की व्यवस्था इन सब समस्याओं का भी जल्द ही निवारण किया जाएगा। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए डीएबीपी के तहत वन विभाग को मिलने वाली धनराशि का खर्च बिना स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सुझाव के किया जा रहा है जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए वन विभाग को हिदायत दी है कि इस धनराशि का खर्च स्थानीय लोगों की योजनाओं को शामिल करते हुए किया जाए तथा स्थानीय युवाओं को ही इसके ठेके में प्राथमिकता दी जाए। पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष रघुवीर बिष्ट, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह रावत, महावीर रावत, विनोद कनवासी आदि मौजूद थे।



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