गुरूवार, दिसम्बर 25, 2025
  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video
liveskgnews
Advertisement
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
liveskgnews
25th दिसम्बर 2025
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंगलौर में हो रहा है पंचकर्म एवं आयुर्वेदिक दवाओं से विभिन्न बिमारियों का इलाज, चिकित्साधिकारी डॉ. योगेन्द्र जायसवान ने दी यह महत्वपूर्ण जानकारी ……….

शेयर करें !
posted on : अक्टूबर 20, 2024 3:06 अपराह्न

मंगलौर/हरिद्वार : मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंगलौर में ओपीडी का समय बढ़ा दिया गया है। अब मरीज सुबह और शाम दोनों समय मरीज आयुर्वेदिक चिकित्सा का लाभ ले सकेगें, जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मरीजों का उपचार किया जा रहा है। क्षेत्र के लोगो को इसका विशेषकर लाभ होगा, जिन्हें सुबह की ओपीडी में आने में दिक्कत होती है या किसी कारणवश स्वास्थ्य सेवा के लिए निजी क्लीनिक पर निर्भर रहना पड़ता है। मंगलौर और आसपास के लोगों को शाम के समय भी अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक्सपर्ट आयुर्वेदिक कंसल्टेशन लेने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंगलौर में मरीजों को दवाओं एवं उपचार की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।

चिकित्साधिकारी डॉ. योगेन्द्र जायसवान ने बताया कि मंगलौर क्षेत्र में कि राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंगलौर में पहले ओपीडी सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही संचालित थी लेकिन अब सायं 4 बजे से 6 बजे तक भी रोगियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। जनता की आयुर्वेदिक चिकित्सा में बढ़ती रुचि को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई सायंकालीन ओपीडी में आयुर्वेदिक परामर्श व योग परामर्श लाइफस्टाइल संबंधी रोगों की चिकित्सा, बैक पेन, स्लिप डिस्क, स्लिप बल्ज,  पंचकर्म संबंधी परामर्श, मर्म चिकित्सा की भी सुविधाएं भी मिलेंगी। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में न केवल अनेक गंभीर बीमारियों को जड़ से समाप्त करने की क्षमता है, बल्कि यह पद्धति मरीजों के लिए सहज एवं सस्ती है।

चिकित्साधिकारी डॉ. योगेन्द्र जायसवान ने कहा कि पंचकर्म शरीर में जमा होने वाले कचरे को निकाले के लिए बनाया था। एक बार जब सफाई प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो शरीर बिना किसी रूकावट के अपने प्राकृतिक कामकाज को नए सिरे से शुरू करने के लिए तैयार हो जाता है। आसान भाषा में इसे बॉडी को आंतरिक रूप से डिटॉक्स करने की आयुर्वेद थेरेपी कहा जाता है। यह थेरेपी लगभग 5-7 दिनों तक चलती है। पंचकर्म आंतरिक संतुलन और उर्जा को रिस्टोर करने का प्राकृतिक तरीका है। इस शब्द का मतलब पांच क्रियाएं होती है, जिनमें उल्टी, शुद्धिकरण, निरुहम, अनुवासन और नस्यम जैसी गतिविधियां शामिल है। इस थेरेपी को शुरू करने से पहले स्ट्रिक्ट डाइट रूटीन फॉलो करके शरीर को तैयार किया जाता है।

पंचकर्म चिकित्सा के 5 प्रमुख चरण

  1. वामन : पंचकर्म के तहत वामन उपचार के दौरान रोगी को तेल से मालिश की जाती है और कुछ आयुर्वेदिक दवाओं से युक्त तेल पिलाया भी जाता है। साथ अलग-अलग तेल से सिकाई भी की जाती है। रोगी को वमनकारी दवाएं और काढ़ा पिलाया जाता है, जिससे रोगी कोई उल्टियां होती है और शरीर के अंदर स्थित टॉक्सिन बाहर निकल जाता है। वजन बढ़ना, अस्थमा और एसिडिटी की समस्या होने पर वामन प्रक्रिया विशेष रूप से की जाती है।
  2. विरेचन : पंचकर्म में विरेचन के माध्यम से आंतों की सफाई की जाती है। इसमें भी रोगी के शरीर से विषाक्त पदार्थों का शुद्धिकरण किया जाता है। इस प्रक्रिया में उल्टी के बजाय मल द्वार के जरिए अशुद्धियों को निकाला जाता है। पीलिया, कोलाइटिस, सीलिएक संक्रमण आदि में विरेचन प्रक्रिया को ज्यादा अपनाया जाता है।
  3. बस्ती : बस्ती एक एनीमा प्रक्रिया है, जिसमें औषधीय पदार्थों से घर में बने काढ़े, तेल, घी या दूध पिलाकर मलाशय को सक्रिय किया जाता है। ऐसा करने से शरीर की आंतरिक अशुद्धियां तेजी से बाहर निकलती है। गठिया, बवासीर और कब्ज में बस्ती प्रक्रिया अपनाई जाती है।
  4. नस्य : नस्य प्रक्रिया के जरिए उपचार सिर और कंधे के आसपास में किया जाता है। इसमें सिर और कंधे के क्षेत्रों को एक नाजुक मालिश और सिंकाई की जाती है। नस्य के जरिए सिरदर्द, बालों की समस्या, नींद की बीमारी, तंत्रिका संबंधी विकार, क्रोनिक राइनाइटिस और सांस की बीमारियां कम हो जाती हैं।
  5. रक्तमोक्षण : रक्तमोक्षण की प्रक्रिया खून की सफाई के लिए की जाती है। अशुद्ध रक्त के कारण होने वाली बीमारियों के लिए रक्तमोक्षण प्रक्रिया एक कारगर उपाय है। पंचकर्म में रक्तमोक्षण के जरिए सोरायसिस, सूजन और फोड़े फुंसी आदि की समस्या होने पर राहत मिलती है।

मानसिक तनाव व अनिंद्रा में लाभदायक है शिरोधारा

चिकित्साधिकारी डॉ. योगेन्द्र जायसवान ने बताया कि शिरोधारा बहुत लाभदायक विधि है, जिसमें विशेष रुप से सिर दर्द, नींद ना आना, मानसिक तनाव जैसे रोगों को ठीक किया जाता है. यह एक विशेष उपयोगी विधि है, जिससे यह सब रोग ठीक हो जाते हैं. रोगियों में इस विधि के काफी अच्छे परिणाम आते हैं. इस विधि से व्यक्ति की कार्य करने की क्षमता बढ़ती है और किसी व्यक्ति के मानसिक दबाव कम करने में यह विधि काफी कारगर साबित होती है. मानसिक परेशानियों को दूर करने के लिए शिरोधारा थेरेपी लाभदायक होती है। शिरोधारा आयुर्वेद की एक बेहद पुरानी और व्यापक तकनीक है। शिरोधारा संस्कृत शब्द के शिरो (सिर) और धारा (प्रवाह) से ली गई है। यह पंचकर्म के चरणों में से एक है। शिरोधारा में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बने तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए घी या दूध का उपयोग भी किया जा सकता है। इसे मानसिक शांति बनाए रखने के लिए किया जाता है। शिरोधारा अवसाद (Depression), टेंशन को दूर करने में सहायक होती है।

अभ्यंग मसाज के फायदे

चिकित्साधिकारी डॉ. योगेन्द्र जायसवान ने बताया कि अभ्यंग बहुत लाभदायक विधि है। अभ्यंग आयुर्वेद में एक सबसे लोकप्रिय मालिश है। इसके लिए गर्म तेल का उपयोग किया जाता है। इसमें सिर की त्वचा से लेकर पैरों के तलवों तक तेल लगाकर मालिश की जाती है। चेहरे की झुर्रियों और हाइपरपिग्मेंटेशन को कम करने के लिए भी आप अभ्यंग मसाज कर सकते हैं। इससे चेहरे की चमक बढ़ती है। अभ्यंग मसाज थेरेपी लेने से मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं। इससे मांसपेशियों में लचीलापन आता है। इस मसाज को करने से आंखों के हेल्थ में सुधार हो सकता है। यह दृष्टि में सुधार करता है। अभ्यंग मसाज से शरीर की ऊर्जा और शक्ति बढ़ती है। अगर अभ्यंग मसाज करेंगे, तो इससे उम्र बढ़ने के लक्षणों में कमी आएगी। इस मसाज को करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। अभ्यंग मसाज करने से तनाव का स्तर कम होता है। इससे तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) शांत होता है, जिससे तनाव और चिंता से राहत मिलती है। हाइपरटेंशन रोगियों के लिए अभ्यंग मसाज करना फायदेमंद होता है। इस मसाज को करने से ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है।

 

https://liveskgnews.com/wp-content/uploads/2025/11/Video-60-sec-UKRajat-jayanti.mp4
https://liveskgnews.com/wp-content/uploads/2025/09/WhatsApp-Video-2025-09-15-at-11.50.09-PM.mp4

हाल के पोस्ट

  • उत्तराखण्ड कैबिनेट बैठक में 11 महत्वपूर्ण फैसले, जानिए सभी विस्तार से..
  • उत्तराखंड में सार्वजनिक अवकाश 2026 का कैलेंडर जारी, जानिए नए साल में कितनी छुट्टियां..
  • एमडीडीए का अवैध प्लॉटिंग पर बड़ा प्रहार, सेरगढ़ माजरी ग्रांट में 20 बीघा क्षेत्र ध्वस्त
  • सांसद खेल महोत्सव का 25 गुरूवार को होगा समापन, प्रधानमंत्री करेगें संबोधित, मुख्यमंत्री विजेताओं को करेंगें पुरस्कार वितरित व उत्साहर्वधन
  • सेबी और पंचायती राज मंत्रालय ने उत्तराखंड के पंचायत प्रतिनिधियों के लिए आयोजित किया वित्तीय जागरूकता कार्यक्रम
  • महाकौथिग का छठवां दिन रहा सुपर मॉम प्रतियोगिता व प्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी के नाम
  • प्रधानमंत्री मोदी का सपना है हर युवा खेले, खेलों से बनेगा भारत विश्व में सिरमौर – त्रिवेंद्र सिंह रावत
  • तीर्थाटन व पर्यटन को बढ़ाने को निकाली जागरूकता रैली
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सांकरी में केदारकांठा शीतकालीन महोत्सव का किया शुभारंभ
  • खेल में बच्चों का सुनहरा भविष्य – सांसद बलूनी
liveskgnews

सेमन्या कण्वघाटी हिन्दी पाक्षिक समाचार पत्र – www.liveskgnews.com

Follow Us

  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video

© 2017 Maintained By liveskgnews.

No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

© 2017 Maintained By liveskgnews.