posted on : जून 1, 2023 12:39 पूर्वाह्न
कोटद्वार : उत्तराखण्ड विकास पार्टी ने स्वतंत्रता सेनानी एवम गढ़वाल के गाँधी व प्रथम सांसद स्वर्गीय भक्त दर्शन जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी ने कहा कि स्वर्गीय भक्त दर्शन जी ने आजादी के आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग लिया और कई बार जेल गए । एक बार उनकी गिरफ्तारी के लिए दो सिपाही लैंसडाउन जा रहे थे, वो भक्तदर्शन जी को पहचानते नहीं थे, किस्मत की बात भक्तदर्शन जी भी किसी काम के सिलसिले में दुगड़डा आए थे, सिपाहियों से उनकी मुलाकात हो गई। उन्होंने भक्तदर्शन जी से पूछा कि भक्तदर्शन कहां मिलेंगे। भक्तदर्शन जी को अपने बालक के जयहरीखाल में स्थित लैंसडौन इंटर कॉलेज में जाना था, उन्होंने सिपाहियों से कहा कि ठीक ढाई बजे तुम्हें कालेश्वर प्रेस लैंसडौन में मिल जायेंगे। दोनों सिपाही लैंसडाउन के लिए चल दिए। ठीक 2:30 बजे कालेश्वर प्रेस में उन्हें भक्त दर्शन जी आते हुए दिखे और भक्त दर्शन जी ने उनको बोला कि मैं ही भक्त दर्शन हूं , उस वक्त मुझे बालक के एडमिशन के संबंध में जयहरीखाल जाना था इसलिए आप लोगों को इस वक्त यहां बुलाया।इस पर सिपाहियों को बहुत आश्चर्य हुआ और उन्होंने कहा कि जिस देश की आजादी के लिए आप जैसे लोग संघर्ष कर रहे हैं उस देश को आजाद होने से कोई नहीं रोक सकता।
पहली बार वे 1929 में लाहौर में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में स्वयंसेवक के रूप में शामिल हुये । पहली बार 1930 में नमक आंदोलन के दौरान जेल यात्रा की । इसके बाद तो आंदोलन और जेल जाने का सिलसिला जारी रहा । वे 1941, 1942 व 1944, 1947 तक कई बार जेल गये । उनका विवाह 18 फरवरी 1931 को सावित्री जी से हुआ। उनकी शादी में सभी बारातियों ने खादी वस्त्र पहने । शादी में किसी प्रकार का दहेज स्वीकार नहीं किया । शादी के अगले दिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उन्होंने कहा कि भक्त दर्शन जी सही अर्थों में गढ़वाल के गाँधी थे।


