चमोली : माँ नंदा के भाई लाटू के सिद्धपीठ वांण मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिये 16 अप्रैल को खोले जाएंगे। मंदिर समिति वांण के अध्यक्ष कृष्णा बिष्ट ने बताया कि पंचाग गणना के आधार पर मंदिर के पुजारियों की ओर से सिद्धपीठ लाटू मंदिर के कपाट खोलने की तिथि निर्धारित की है। कपाट खुलने के बाद मंदिर में छह माह तक श्रद्धालु मंदिर में पूजा-अर्चना कर सकते हैं। इस मौके पर मुख्य पुजारी खीम सिंह, मन्दिर समिति के सचिव खिलाफ सिंह, भाग चन्द्र सिंह, ग्राम प्रधान पुष्पा देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य रामेश्वरी देवी, महिपत सिंह आदि मौजूद थे।
लाटू मंदिर को लेकर पौराणिक मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार लाटू कन्नौज के गर्ग गोत्र के कान्यकुब्ज ब्राह्मण थे। ऐसे में जब भगवान शिव व नंदा का विवाह हुआ तो नंदा के सभी भाई बहन को ससुराल विदा करने के लिये कैलाश की ओर चले। इस दौरान लाटू को तेज प्यास लगी तो वो पानी की खोज करने के लिये एक घर में गया। जहां एक बुजुर्ग निवास करते थे। जब लाटू ने उनसे पानी मांगा तो उन्होंने घर के कोने पर रखे दो घड़ों की तरफ इशारा किया। जिस पर लाटू ने एक मटका उठा कर पूरे मटके में रखा द्रव्य पी लिया। लेकिन वह पानी की जगह मदिरा थी। जिससे मदिरा का असर होने पर लाटू ने क्षेत्र में उत्पात मचाना शुरु कर दिया। जिसे देख क्रोधित नंदा ने लाटू को कैद में डाल दिया और लोगों को लाटू का यंही रखने की का आदेश दिया। जिसके चलते आज भी स्थानीय लोग नंदा की ओर से लाटू को किये कैद इस स्थान को मंदिर की तरह पूजा अर्चना करते हैं।