तपोवन (चमोली)। चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में आई आपदा के तीसरे दिन भी तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की टनल में फंसे लोगों को सकुशल निकालने की आस में रेस्क्यू आपरेशन जारी रहा। लेकिन यहां बढते वक्त के साथ ही टनल में फंसे लोगों की कुशलता को लेकर परिजनों की आस टूटने लगी है। लापता लोगों के परिजनों की ओर से शासन और प्रशासन से रेस्क्यू कार्य में तेजी लाने के लिये तकनीक बढने की मांग की जा रही है।
तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना में प्रशासन के अनुसार करीब 35 से 40 लोग स्केप टनल में फंसे हुए बताये जा रहे हैं। जिन्हें निकालने के लिये बीते तीन दिनों से यहां टनल में आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस प्रशासन की ओर से रेस्क्यू आपरेशन चलाया जा रहा है। लेनिक गाद युक्त मलबा होने से यहां रेस्क्यू कार्य में दिक्कतें आ रही है। ऐसे में दिन बढने के साथ ही आपदा में लापता हुए लोगों के परिजन अपनों की खोज में प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने लगे हैं।
यहां ढाक गांव निवासी बलवीर सिंह और भरत सिंह ने बताया कि घटना वाले दिन उनका भाई जो परियोजना में पम्प चालक का कार्य करता था। वह भी टनल में कार्य कर रहा था। लेकिन वर्तमान तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि दलदल को निकालने के लिये प्रशासन की ओर से सामान्य प्रक्रिया उपयोग की जा रही है। ऐसे में टनल में फंसे लोगों के जीवित होने की आस टूटती जा रही है। वहीं तपोवन निवासी पुष्कर सिंह ने बताया कि उनके मकान पर किराये पर रहने वाले घाट निवासी सतेश्वर प्रसाद का भी सुराग नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में उसकी पत्नी और बच्चे परेशान हैं। वहीं तपोवन निवासी अनूप खंडूरी ने बताया कि घटना के दिन उनके साले को कंपनी की ओर से आवश्यक कार्य के लिये बुलाया गया था। घटना के दौरान वह टनल में था जिसके बाद से उसका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है।