posted on : मई 30, 2023 6:40 अपराह्न
चमोली : हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पढ़ें यातायात निरीक्षक प्रवीण अलोक की कविता “कलम जब भी चले, झूठ को उधेड़ दे……..” मीडिया जगत से जुड़े सभी बंधुओं को हिंदी पत्रकारिता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं…….
कलम जब भी चले
झूठ को उधेड़ दे
और
दिखाई दे तस्वीर सच की
भावों में पेनापन
डर में कुंदन हों
अखबारों के शब्द छू जाए मन को
और
लाए सुनामी आक्रोश की
सच से भय हो किसी को
तो
भय सही
कूंची रंगरेज की रंगों को पहचाने
और
जाने खुद को, खुद की ताकत को
ये कलम लिखती हैं
बस आलोक लिखती रहे
दर्द बस्ती का
@कवि निरीक्षक प्रवीण आलोक


