मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के कल्याण के लिए की घोषणाएं
- ईनामी अपराधियों को गिरफ्तारी हेतु पुरस्कार की धनराशि में वृद्धि की जायेगी।
- शहीद पुलिस कर्मियों के नाम पर स्कूल/सड़क का नामकरण किया जायेगा।
- पुलिस प्रशिक्षण केन्द्रों में अतिथि प्रशिक्षकों को उत्तराखण्ड प्रशासनिक अकादमी, नैनीताल के अनुरूप मानदेय में वृद्धि की जाएगी।
- देहरादून में राज्य पुलिस संग्राहलय मेमोरियल की स्थापना की जाएगी।
- वर्ष 2001 के भर्ती आरक्षियों को 4600 ग्रेड पे दिया जाएगा। बाकी प्रकरणों को केबिनेट उपसमिति एवं वेतन विसंगति समिति द्वारा देखा जाएगा।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अशोक कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर उपस्थित विशिष्ट अतिथिगण एवं पुलिस के मेरे साथियों मैं यहां पर उपस्थित सभ्रांतजनों को अवगत कराना चाहूंगा कि 21 अक्टूबर का दिन देशभर के सभी राज्य पुलिस बलों, केंद्रीय सशस्त्र बलों एवं देश के अन्य सभी केंद्रीय पुलिस संगठनों के लिए एक विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण दिन है । इसकी पृष्ठभूमि के रूप में बताना चाहूंगा कि 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 16 हजार फीट ऊँचे बर्फीले एवं दुर्गम क्षेत्र हॉटस्प्रिंग में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी0आर0पी0एफ0) की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने एसआई करन सिंह के नेतृत्व में चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लड़ते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन्ही वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर के दिन को “पुलिस स्मृति दिवस” या पुलिस शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों के कुल 377 कर्मियों ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है, इनका विवरण इस प्रकार है
- आन्ध्र प्रदेश – 11
- अरूणाचल प्रदेश – 03
- असम – 07
- बिहार – 06
- छत्तीसगढ़ – 32
- हिमाचल प्रदेश – 04
- झारखण्ड – 04
- कर्नाटक – 16
- केरल – 02
- मध्य प्रदेश – 15
- मणिपुर – 03
- मेघालय – 01
- उडीसा – 04
- पंजाब – 02
- राजस्थान – 02
- तमिलनाडू – 01
- उत्तर प्रदेश – 04
- उत्तराखण्ड़ – 03
- पश्चिम बंगाल – 17
- अण्डमान और निकोबार द्वीप – 02
- चण्डीगढ़ – 02
- दिल्ली – 06
- जम्मू एण्ड कश्मीर – 17
- लद्दाख – 01
- असम राईफल – 03
- बीएसएफ – 47
- सीआईएसएफ – 08
- सीआरपीएफ – 82
- आईटीबीपी – 54
- एनएसजी – 01
- एसएसबी – 05
- एफएस, सीडी एण्ड एचजी – 03
- एनडीआरएफ – 01
- आरपीएफ – 08
- कुल योग – 377
- मुख्य आरक्षी 05 सशस्त्र पुलिस मनोज कुमार, जनपद चमोली
- आरक्षी 10 सशस्त्र पुलिस बलवीर गड़िया, जनपद चमोली
- आरक्षी 216 नागरिक पुलिस जितेन्द्र सिंह, पौडी गढ़वाल
उत्तराखण्ड पुलिस के सभी शहीद पुलिस जनों को कोटि-कोटि नमन। देश में शहीद हुए अधिकांश पुलिस कर्मी नक्सली, आतंकवादी एवं उग्रवादी घटनाओं में शहीद हुए हैं। पुलिस का कार्य 24 घण्टे 365 दिन का होता है। पुलिस थाना कभी बन्द नहीं होता है। प्रतिदिन नये किस्म के अपराध/शान्ति व्यवस्था, आपदा एवं आन्तरिक सुरक्षा की जटिलताएं पुलिस के लिए नई चुनौतियां पेश कर रहे हैं, जैसे कि साइबर क्राइम और ड्रग्स नवीनतम क्षेत्र है, जहां पुलिस को अपराधियों से जूझना है । पूरा विश्व आज कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उत्तराखण्ड पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा महामारी के नियंत्रण के लिए निरन्तर अथक प्रयास किये जा रहे हैं। इस जोखिमपूर्ण कार्य में हमारे लगभग 4000 अधिकारी और कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 13 पुलिस कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण मृत्यु को प्राप्त हुए हैं।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री जी पुलिस की इन्ही जोखिमपूर्ण कार्य-परिस्थितियों के दृष्टिगत आपके नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों एवं उनके परिवारों के हितार्थ समय-समय पर कई कल्याणकारी योजनाएं जैसे चिकित्सा प्रतिपूर्ति, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना, जीवन रक्षक निधि तथा मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति आदि स्वीकृत की गयी हैं। इन योजनाओं से उत्तराखण्ड पुलिस कर्मी एवं उनके पारिवारिक-जन लाभान्वित होते रहे हैं। मुख्यमंत्री जी स्वयं एक सैनिक के सुपुत्र हैं तथा एक जवान की पीड़ा को अच्छी तरह समझते हैं। वे पुलिस कर्मियों की समस्या के प्रति गंभीर एवं संवेदनशील हैं मेरी जब भी माननीय मुख्यमंत्री जी से वार्ता होती है या चर्चा होती है तो मैने देखा है कि उनका रुख पुलिस कर्मियों के प्रति सकारात्मक है एवं वे सदैव उनके कल्याण के प्रति समर्पित रहते हैं । मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि वह पुलिस कर्मियों के हित में नित नए कदम उठाते रहेंगे।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आश्वस्त करना चाहॅूगा कि आपके नेतृत्व में उत्तराखण्ड पुलिस का हर सदस्य सरकार के सकारात्मक रवैये को दृष्टिगत रखते हुए तथा अपने शहीद साथियों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए पूरी लगन, सत्यनिष्ठा एवं जोश से अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा तथा कर्तव्यपालन की राह में आने वाली हर चुनौती का सामना करते हुए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगा। स्मृति दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारजनों को शॉल प्रदान कर सम्मानित किया गया।