थलीसैंण / गढ़वाल (वीरेंद्र रावत) : राठ क्षेत्र की प्रतिष्ठित संस्था समळौंण द्वारा राजकीय इंटर कॉलेज चौरीखाल में भाजपा सांसद मेनका गांधी के द्वारा रोपित काफल के समळौंण पौधे का दसवीं वर्षगांठ पर वृक्ष जन्मोत्सव कार्यक्रम बड़े धूमधाम से मनाया गया। जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीनगर विधानसभा के पूर्व विधायक गणेश गोदियाल रहे।
पूर्व विधायक गणेश गोदियाल ने कहा राठ क्षेत्र की प्रतिष्ठित संस्था समळौंण विगत कई वर्षों से पर्यावरण संरक्षण एवं संस्कृति को बचाने का कार्य कर रही है इसके साथ साथ आज वृक्ष जन्मोत्सव कार्यक्रम का मनाया जाना भी एक सराहनीय कदम है ताकि जिससे वृक्षों के संरक्षण में समाज के अंदर जागरूकता आएगी और हमारे वृक्ष बचेंगे जिससे प्राकृतिक संतुलन बच पाएगा।
कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य शोभानन्द बौंठियाल ने वृक्षों के महत्व पर बृहद रूप से प्रकाश डाला और वृक्षों के संरक्षण हेतु अपील की। कार्यक्रम में पठानी रेंज की रेंज अधिकारी रश्मि ध्यानी ने कहा कि संस्था की यह एक अनोखी पहल है जिसे सारे समाज को स्वीकार करना होगा। कार्यक्रम में संस्था के सचिव नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि बिना वृक्ष के जीवन संभव नहीं है वृक्ष है तो जीवन है हमें उनका संरक्षण करना चाहिए। कुपोषण पर समाजसेवी दिनेश कुमार कोहली ने कहा के संस्था क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण एवं समर्थन के लिए लगातार कार्य कर रही है जो की बधाई के पात्र हैं।
इस अवसर पर संस्था के संस्थापक वीरेंद्र दत्त गोदियाल ने कहा कि वृक्ष धरा के भूषण योगी प्रदूषण को दूर करते हैं और हमारे प्राण वायु हैं इन्हें बचाना प्रतीक मानव का परम कर्तव्य है। तदुपरांत काफल के समळौंण वृक्ष का दसवीं वर्षगांठ पंडित रामकृष्ण नौटियाल ने पूजा पाठ कर उसकी दीर्घायु हेतु मुख्य अतिथि गणेश गोदियाल ने माला पहनाकर मंगलमय कामना की ।
समळौंण सेना द्वारा भजन गाकर पौधे का जन्म दिवस बड़े धूम-धाम से मनाया। कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष मनोज रौथाण ने संस्था के लक्ष्य और उद्देश्यों को विस्तार से अवगत कराया। उक्त अवसर पर संस्था के नथीराम नौडियाल, विक्रम सिंह कंडवाल, धर्मानंद पंत, चेतसिंह रावत, ललित प्रसाद गोदियाल, सुरेंद्र गोदियाल, क्रांति नौटियाल, गोदावरी देवी, सीमा देवी, राकेश मंमगांई, महीधर प्रसाद गोदियाल आदि ग्रामीण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन गिरीश चंद्र नौडियाल ने किया। उक्त अवसर पर विद्यालय परिसर में 20 विभिन्न प्रजाति के सुराही देवदार बुरांश अमरूद बेल पत्री बहेड़ा आदि के पौधों का रोपण किया गया।
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