हल्द्वानी । पहाड़ी आर्मी संगठन की शुक्रवार को हल्द्वानी में एक बैठक हुई जिसमें उत्तराखंड सरकार से आपदा में हुए नुकसान का शीघ्र ही सवेक्षण कराकर मुआवजा देने की मांग की है। इस संबंध में प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। बैठक में संगठन के पदाधिकारियों के बीच प्रभावित जिलों में हुई जनहानि, पशुहानि, कृषि को हुए नुकसान पर चर्चा की गई। प्रदेश सरकार से मांग की गई कि सरकार आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के नुकसान का जायजा लेकर शीघ्र पीड़ित परिवारों को राहत दे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए पहाड़ी आर्मी के संयोजक हरीश रावत ने कहा इस दैवीय आपदा ने पहाड़ के जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। आवाजाही के सारे रास्ते बंद है। कुमाऊं क्षेत्र में 15 पुल बह गए हैं और 90 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद है, कई दुरुस्त स्थानों में मोबाइल कनेक्टिविटी भी बंद है। जिस कारण से क्षेत्र राज्य से संपर्क कटा हुआ है। आवश्यक चीजें भी गांवों तक नहीं पहुंच पा रही है। उन्होंने ने कहा कि इस आपदा में सबसे ज्यादा कुमाऊं क्षेत्र प्रभावित हुआ है आपदा में मृतकों की संख्या का सही आकलन अभी तक नहीं हो पाया। अभी भी पिथौरागढ़ मुंसियारी के दुरुस्त क्षेत्र में बागेश्वर के ग्लेशियर में सैकड़ों पर्यटको के फंसे होने की खबर आ रही है। जो बहुत चिंताजनक है एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू कर रही हैं मगर सामाजिक संगठनों से भी निवेदन है वह इस आपदा में अपनी अहम जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आए।
उन्होंने कहा इस विकट स्थिति में सरकार को जिला प्रशासन के माध्यम से आपदा राहत राशि मृतक परिवारों को तुरंत दी जानी चाहिए। साथ ही नैनीताल, गरमपानी, खैरना, अल्मोड़ा रानीखेत रामगढ़, चंपावत, बागेश्वर, धारचूला आदि स्थानों में कृषि पशु और व्यवसायिक हानि के लिए भी मुआवजा यथाशीघ्र दिया जाना चाहिए। संगठन के पदाधिकारियों ने सरकार से अपील की है कि स्थिति को सामान्य बनाने के लिए सड़कों व पुलों को यथाशीघ्र ठीक कराया जाए। इस मौके पर दीपक पलडिया, करण कुमार, संजय आर्य, नीरज पोखरिया, लकी गुप्ता, तपेश कुमार, निखिल नगरकोटी, आकाश, हेम बिष्ट, सोनू आर्य, विक्की आदि मौजूद थे।