कांग्रेस नेता कोरोना पर राजनीति न कर नियमों का पालन करें
देहरादून । नेता प्रतिपक्ष के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद के घटनाक्रम व कांग्रेस नेताओं की बयानबाज़ी पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथौला ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को कोरोना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है। पूरी दुनिया आज कोरोना से जूझ रहा है। सरकार इस चिंता में है कि लोगों को कोरोना संक्रमण से कैसे बचांए। दूसरी ओर कांग्रेस इस पर राजनीति पर उतारू हैं।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कांग्रेस के आला नेता कोरोना पॉजीटिव आने पर हॉस्पिटल और प्रशासन की व्यवस्थाओं पर बयानबाजी कर रहे हैं, यह कांग्रेस के नेताओं का आचरण दिखाता है। कैंथोला ने कहा कि भाजपा के कई आला नेता कोरोना पाॅजिटिव आ चुके हैं। लेकिन, उन्होंने सरकार होने के बादवजूद कोरोना के लिए निर्धारित नियमों को पालन किया। मंत्री से लेकर विधायकों तक ने कोविड पॉजीटिव आने पर अस्पताल और प्रशासन की कोविड 19 गाइडलाइन्स का पालन किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने दून अस्पताल में अपना इलाज करवाया। कोरोना की जंग जीतने के बाद वो प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार होम आइसोलेशन भी रहे। सरकार के मंत्रीयों ने भी गाइडलाइन का पालन किया।
बिपिन कैंथोला ने कहा कि कोरोना के लिए कोई वीआईपी नहीं है। संक्रमण किसी को भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रमुख विपक्ष दल होने के नाते कांग्रेस को इस महामारी काल में सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस नेता राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस नेताओं को समाज में संक्रमण की चिंता नहीं है। उन्हें सड़कों पर अपनी राजनीति करनी है। उन्होंने कहा कि जब किसी राजनीतिक व्यक्ति या सामाजिक व्यक्ति को कोरोना संक्रमण होता है तो उसकी जिम्मेदारी आम आदमी से ज्यादा हो जाती है। उनको कोविड नियमों का पालन करना चाहिए। जनता के सामने उदाहरण पेश करने चाहिए, लेकिन कोंग्रेस को केवल राजनीति ही करनी है। बिपिन कैंथोला ने अपील करते हुए कहा कि आज समाज को खुद जागरूक होकर काम करने की आवश्यकता है। आज समाज के हर व्यक्ति का दायित्व कई गुना बढ़ गया है कि वो मास्क पहने, भीड़ वाले स्थान पर दो गज की दूरी बनाए रखें। हाथों को सेनेटाइज करते रहें। अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। बार-बार हाथ धोनी की आदत डालें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जब तक नहीं दवाई, तब तक नहीं कोई ढिलाई। कांग्रेस के नेताओं को इससे सीख लेनी चाहिए।
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