कोटद्वार : भाबर स्थित भगवंत ग्लोबल विश्वविद्यालय में आज शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रतिकुलपति प्रो. पीएस राणा द्वारा डॉ. राधाकृष्णन के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया। प्रो. राणा ने इस अवसर पर बोलते हुए सर्वप्रथम उन्हें याद किया व उनके जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वह एक दार्शनिक, शिक्षाविद्, राजनीतिज्ञ, शिक्षक व प्रशासक होते हुए भी शिक्षक कहलाने में गौरव करते थे जोकि उन लोगों के लिए प्रेरणास्वरूप है जो शिक्षक होते हुए भी अपने व्यवसाय से प्यार नहीं करते।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्राचीन काल में शिक्षक को गुरू कहा जाता था तथा गुरू को भगवान का स्वरूप माना जाता था। ‘गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरः, गुरु साक्षात् परब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवै नमः।। शिक्षा के केन्द्र गुरुकुल हुआ करते थे जहां गुरु विद्यार्थियों को जीवन जीने के कौशल की शिक्षा देते थे किन्तु कालान्तर में गुरु के नाम में परिवर्तन हुआ व शिक्षक से जाना जाने लगा। उन्होंने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी व संदेश दिया कि आज हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम शिक्षक के दायित्व को समझें व अपने कर्तव्य का निर्वहन लगन व ईमानदारी के साथ करें। तत्पश्चात देशभक्ति गीत, कविता व भाषण का आयोजन किया गया जिनमें सभी छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए। कार्यक्रम समन्वयक ज्योति नेगी ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की मंच का संचालन किया।
कार्यक्रम में डॉ. सरवानन, अरुण कुमार, डॉ. अनुज, डॉ. दिव्या, शिवानी, श्वेता, शशि, राहुल, विकास, शैलेश, कमल, हिमांशु, हर्षित, रोहित, मिलन, सुमन, पिंकी, रक्षंदा, साक्षी, कुसुम सभी शिक्षक, कर्मचारी व छात्र -छात्राएं सम्मिलित हुए। विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ. अनिल सिंह, चेयरपर्सन डॉ. आशा सिंह , डॉ. विभांशु विक्रम सिंह ने सभी स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं को सभी शिक्षकों की शिक्षक दिवस की बधाई दी।


