पांडुकेश्वर (चमोली)। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने में अब एक दिन का समय शेष रह गया है। शनिवार को पांडुकेश्वर से भगवान बदरीनाथ के बद्रीश पंचायत की शोभा बढ़ाने वाली देव डोलियां भी बदरीनाथ धाम पहुंचने लगी है। भगवान बदरीनाथ के बाल सखा उद्धव और खजांची कुबेर की डोली और आदिगुरू शंकराचार्य की गद्दी धाम पहुंच गयी है। शुक्रवार को जोशीमठ नृसिंह मंदिर से तेल कलश, आदिगुरू शंकराचार्य की गद्दी पांडुकेश्वर पहुंची थी। जहां से शनिवार को भगवान बदरीनाथ के बद्रीश पंचायत की शोभा बढ़ाने वाले बाल सखा उद्धव जी और देव खजांची कुबेर जी की डोलियों के साथ आदिगुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी और दिव्य तेल कलश गाडू घड़ा बदरीनाथ पहुंच गया है। जहां बड़ी संख्या में लोग इन देव डोलियों के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। पूरे मंदिर परिसर सहित सिंह द्वार को गेंदे और चम्पा चमेली के पुष्पों से सजाने की प्रक्रिया भी हुई शुरू।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया
रविवार आठ मई को सुबह करीब चार बजे से मंदिर में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूरी की उपस्थिति में टिहरी नरेश के राजपुरोहित और बामणी गांव के प्रतिनिधि मंदिर का ताला खोलेंगे। रावल और धर्माधिकारी मंदिर में प्रवेश कर भगवान बदरीविशाल के घृत कंबल का अनावरण करेंगे। विशेष पूजा अर्चना के प्रातः काल साढ़े 6 बजे बाद आम श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर सकेंगे।