कोटद्वार । पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी एवं महापौर हेमलता नेगी की अगुवाई में कांग्रेस कार्यर्ताओं ने पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की मूर्ति पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किये। तहसील परिसर में सोशल डिस्टेन्स का अनुपालन करते हुए पेशावर कांड की वर्षगांठ मनाते हुए पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि आज ही के दिन वीर चंद्र सिंह गढ़वाली ने पेशावर में अंग्रेजों के द्वारा निर्दोष पठानों पर गोली चलाने के हुक्म का विरोध करते हुए निहत्थे पठानों पर गोली चलाने से इंकार कर दिया था, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली ने भारत में अग्रेजों के खिलाफ विरोध का बिगुल फूंकते हुए आजादी की लौ जला दी थी।
पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को बहुआयामी प्रतिभा का धनी व्यक्ति बताते हुए कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की दूरगामी सोच के चलते ही भारत अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों से मुक्त हो पाया है। उन्होंने वर्तमान में कोरोना जैसी घातक वैश्विक महामारी से बचाव की बात करते हुए लाॅकडाउन का पूरी तरह से पालन करने एवं घरों पर ही रहने की भी अपील की है, उन्होंने केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के द्वारा कोरोना महामारी के बचाव के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की है, लेकिन बड़ी संख्या में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सुध लेने की मांग करते हुए कहा कि लाॅकडाउन के चलते दैनिक ध्याड़ी धंधा करने वाले मजदूरों के सम्मुख रोजीरोटी का संकट गहरा रहा है, ऐसी स्थिति में केन्द्र एवं राज्य सरकारों को मजदूरों को भरपूर मात्रा में खाद्यान्न सहित नकद धनराशि उनके खाते में सीधे ट्रांसफर की व्यवस्था करनी होगी, कहा कि मजदूर ही देश की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
उन्होने कोरोना योद्धाओं के द्वारा दिये जा रहे योगदान की भी प्रंशसा करते हुए कहा कि कोरोना जैसी महामारी में स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी, मीडिया कर्मी सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालते हुए अपनी ईमानदारी से कार्यक्षेत्र में जुटे हुए है, उन्हीं की बदौलत महामारी के संक्रमण को रोकने में सफल भी हो रहे है। इस मौके पर महापौर हेमलता नेगी, संजय मित्तल, विजय नारायण सिंह, बलवीर सिंह रावत, राकेश शर्मा, कृष्णा बहुगुणा, हर्षिता, मनोज रावत, वीरेन्द्र सिंह रावत, अमित राज सिंह, विजय रावत, अनिल चैधरी, प्रवीण जोशी, जितेन्द्र भाटिया, भाष्कर, सूरज प्रसाद कांति सहित कई लोग मौजूद थे।



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