कोटद्वार । उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ की दुगड्डा इकाई ने जिले के विभिन्न कार्यरत शिक्षकों को दूरदराज के क्षेत्रों में बाहर से पहुंचे प्रवासियों की देखरेख के लिए सहायक नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किये जाने का विरोध जताते हुए शासन से उनकी डयूटी उनके कार्यस्थल के नजदीकी गांवों में लगाने की मांग की है। इस संबंध में संघ के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी के लिए भी ज्ञापन प्रेषित किया।
संघ के जिला मंत्री दीपक नेगी ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जागरूकता फैलाने के लिए एवं बाहर से आने वाले व्यक्तियों की देखभाल हेतु प्रशासन द्वारा पौड़ी जनपद में कार्यरत प्राथमिक शिक्षकों की उनके कार्यक्षेत्रों में डयूटी लगाई गई है। लेकिन जनपद के कुछ ब्लॉकों में शिक्षकों को दूर दराज के गांवों में डयूटी लगाई गई हैए जबकि इन शिक्षकों के लिए वहां पर कोई रैन बसेरा नहीं है। जिस कारण शिक्षकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि जिलाधिकारी के आदेशानुसार जनपद के बाहर से आये व्यक्तियों को 14 दिन के लिए गांव के ही पंचायत घरए मिलन केन्द्र, स्कूल या खाली पड़े मकान में क्वारंटाइन किया जायेगा। लेकिन शिक्षा सचिव, विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड शासन के आदेशानुसार 12 मार्च 2020 को प्रदेश के समस्त शिक्षक सरकार के द्वारा दी गई । गाइड लाइन का पालन करने अपने निवास स्थानों में चले गये थे। जनपद पौड़ी के 90 प्रतिशत शिक्षक अन्य प्रदेशों व अन्य जनपदों में निवास करते हैं।
कहा कि डीएम ने अपने दो मई के आदेश में कोविड.19 की रोकथाम कार्य के लिए शिक्षकों को अपने कार्यस्थल पर लौटने के आदेश दिए हैं। कहा कि यदि शिक्षक राज्य के विभिन्न जनपदों व यूपी से अपने कार्यस्थल लौटते हैं तो पहले उन्हें 14 दिन तक क्वारंटीन किया जाएगा। इस संबंध में उच्चधिकारियों से बात की गई तो उनके द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं मिल पाया। उन्होंने शासन से निवास स्थान के नजदीक ही शिक्षकों की डयूटी लगाने, दूर.दराज लगे शिक्षकों की डयूटी में संशोधन करने, 55 साल की आयु वाले शिक्षकों व जिन महिला कर्मियों के बच्चे दस वर्ष से कम है एवं जो महिला कर्मी गर्भावस्था में है कि डयूटी न लगाने की मांग की है। साथ ही डयूटी में तैनात शिक्षकों की सुरक्षा के लिए मास्क, सेनेटाइजर, ग्लब्स ,पीपीई किट उपलब्ध कराने की मांग की है।
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