कोटद्वार । पुलिस पेंशनर्स कल्याण समिति द्वारा तहसील में पहुंचकर राज्य पेंशनधारकों की गोल्डन कार्ड के माध्यम से चिकित्सा लाभ के नाम पर कटौती एवं उसमें निहित विसंगतियों के सम्बन्ध में उप जिलाधिकारी के माध्यम से कई बिंदुओ को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
ज्ञापन में कहा गया कि राजकीय सेवा में सेवारत अथवा पेंशन धारकों तथा पारिवारिक पेंशन धारकों का एसजीएचएस के अंतर्गत उपचार की सुविधा आवश्यक रूप से उपलब्ध कराई जा रही है तथा प्रतिमाह वेतन वर्ग के आधार पर कटौती की जा रही है इस व्यवस्था में उल्लेखनीय है कि सेवारत एवं पेंशन धारक को तथा पारिवारिक पेंशन धारकों से समान रूप से कटौती की जा रही है।
इस व्यवस्था में उल्लेखनीय यह है कि वेतन का आधा पारिवारिक पेंशन धारकों से भी कम हो रही है और उनके माता-पिता, बच्चे कम से कम होते हैं । यह कटौती प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध है क्योंकि सेवारत लाभार्थी पेंशन धारकों की अपेक्षा ज्यादा युवा होते हैं और उनके आश्रित माता-पिता पत्नी व बच्चे कम से कम 6 सदस्य इस योजना में होते हैं जबकि पेंशन धारक मात्र पति-पत्नी अर्थात 2 सदस्य और पारिवारिक पेंशन धारक मात्र 1 सदस्य होता है ।
ऐसा प्रतीत होता है कि उन पेंशनधारकों से यह कटौती स्वास्थ्य सुविधा हेतु नहीं बल्कि राज्य कर के रूप में की जा रही है। अधिकांश बीमारियों में मेजर ऑपरेशन या गहन चिकित्सा की सलाह, चिकित्सक वृद्ध आयु व शरीर की दुर्बलता के कारण बहुत कम देते हैं जबकि वृद्धावस्था में प्राय सर्दी जुखाम, श्वास, बदन दर्द, कमर दर्द शुगर, माइग्रेन, बीपी प्रोटेस्ट एवं दृष्टिबाधित रोग अधिक होते हैं। परंतु इनके लिए ओपीडी केशलेस नहीं है और इन लोगों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया भी अत्यंत जटिल है। पैनल में आयुर्वेदिक चिकित्सालय नहीं है जबकि पर्वतीय क्षेत्र में आयुर्वेदिक चिकित्सालय व चिकित्सक ही अधिकांश स्थानों पर उपलब्ध है।
इस मौके पर गोविंद डंडरियाल, ठाकुर सिंह रावत, कृपाल सिंह पटवाल लाल सिंह बिष्ट, रामकुमार अग्रवाल, धर्मानंद खंतवाल, अमर चंद आर्य, ओमप्रकाश कोटनाला, नंदन सिंह चौहान, देवेंद्र सिंह नेगी, कैलाश चंद वर्मा, अनूप सिंह रावत, हुकुम सिंह पटवाल, सतीश चंद, कोमल सिंह, विरेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे।