कोटद्वार । जीएमओयू के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपा ।जिसमें उन्होने प्रदेश सरकार की ओर से जीएमओयू के वाहनों का केवल तीन माह का टैक्स माफ करने पर नाराजगी जताई है। पदाधिकारियों का कहना है कि कम से कम एक वर्ष का टैक्स माफ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार द्वारा उचित निर्णय नहीं लिया जाता है तो समस्त उत्तराखण्ड के निजी मोटर व्यवसायी कम्पनियां एवं छोटे बड़े वाहनों को 30 जून 2020 से पूर्व ही परिवहन कार्यालयों में कागजातों को सरेण्डर करने के लिए बाध्य होगें।
यूनियन के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि उनकी बसों का तीन माह का टैक्स 30 जून तक व एक वर्ष 31 मार्च 2021 तक का परमिट नवीनीकरण माफ कर दिया गया है। जबकि उनकी बसों का कम से कम एक वर्ष का टैक्स माफ किया जाना चाहिए था । उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चार बार का लॉकडाउन घोषित होने के कारण वैसे भी खड़े वाहनों का टैक्स वसूलने का कोई औचित्य नहीं था। जो तीन माह के टैक्स माफ करने की घोषणा हुई है वह ऊंट के मुंह में जीरा है। साथ ही वाहन स्वामियों के साथ भद्दा मजाक है। वाहन स्वामियों के साथ वास्तविक न्याय वर्ष 2013 में तत्कालीन सरकार ने किया था। जब उनका दो वर्ष का टैक्स माफ किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 50 प्रतिशत सवारियां लाने ले जाने की जो अनुमति दी गई है वह अव्यवहारिक है। इससे तो वाहनों का डीजल खर्चा भी वसूल नहीं होगा। इसके अलावा बीमा, टैक्स, टायर, पाटर्स एवं अन्य खर्चों की भरपाई नहीं हो पायेगी। यदि सरकार किराये में पचास प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी नहीं करती है तो वाहनों का संचालन करना संभव नहीं है। उन्होंने प्रदेश सरकार से वाहनों का एक वर्ष का टैक्स व बीमा माफ करने की मांग की है।



Discussion about this post