posted on : मार्च 15, 2023 6:33 अपराह्न
रूडकी : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रुड़की में 9 मार्च से चल रहे बाल वाटिका प्रशिक्षण का समापन हुआ। इस दितीय चरण के प्रशिक्षण में हरिद्वार जनपद की 160 आंगनबाड़ियों ने बाल वाटिका चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया । डाइट प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में 3 से 18 वर्ष के सभी बच्चों के लिए 5 + 3 + 3 + 4 का शैक्षणिक ढांचा निर्धारित किया गया है, इसमें शुरुआती 5 वर्षों को बुनियादी अवस्था कहा गया है । उत्तराखंड राज्य 22 जुलाई 2022 से 4467 आंगनवाड़ी केंद्रों पर बाल वाटिका कक्षा प्रारंभ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने वाला प्रथम राज्य बना ।

प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर सरस्वती पुंडीर ने कहा, की बच्चों की 6 वर्ष तक की आयु को अति महत्वपूर्ण माना गया है,,क्योंकि इस अवस्था में बच्चे का मानसिक विकास सबसे तीव्र गति से होता है इसलिए इस अवस्था से ही विद्यालय की पूर्व तैयारी के अंतर्गत बच्चे का शारीरिक सामाजिक, संवेगात्मक सृजनात्मक,भावात्मक ,संख्यात्मक और भाषाई विकास आंगनवाड़ी केंद्रों पर प्रशिक्षित आंगनवाड़ी द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा की महानिदेशक विद्यालय शिक्षा के दिशा निर्देशन में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड द्वारा आंगनवाड़ी,कार्यकत्रियों के अभिमुखीकरण के लिए प्रशिक्षण साहित्य “आरंभ” उपलब्ध कराया गया है इस प्रशिक्षण साहित्य में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा के विकास के लक्ष्य एवं आयाम, पूर्व प्राथमिक शिक्षा के संदर्भ में सीखने हेतु वातावरण का सृजन , प्रारंभिक बाल्यावस्था में आकलन, शिक्षण अधिगम सामग्री का निर्माण एवं उपयोग व आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है।
डॉ. अनीता नेगी ने बताया कि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या 2022 में दी गई पंचकोश की अवधारणा भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा से ली गई है। नई शिक्षा नीति में 5 से 6 आयु वर्ग के बालकों की कक्षा को बाल वाटिका नाम दिया गया है। जिस का संचालन प्रशिक्षित आंगनवाड़ी कार्यकत्री द्वारा बच्चे के विकास के विभिन्न आयामों पर आधारित गतिविधि, बहुस्तरीय खेल , खोज आधारित शिक्षा के माध्यम से संज्ञानात्मक ,भावनात्मक और शारीरिक क्षमताओं के साथ-साथ प्रारंभिक साक्षरता व संख्या ज्ञान के लक्ष्य की पूर्ति हेतु किया जाएगा । इस अवसर पर देवयानी शर्मा, डॉ अंजू मलिक, एके सिंह, मुजीब अहमद, वैष्णव कुमार, अनिल धीमान ,भूपेंद्र सिंह, जान आलम, राजीव आर्य, शशि चौहान, सरोज बाला, वंदना, मूर्ति, संजीता, विमल सैनी, कमलेश संजू दलजीत रेखा मुख्य रूप से उपस्थित रहे।



