बुधवार, जुलाई 16, 2025
  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video
liveskgnews
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स
No Result
View All Result
liveskgnews
16th जुलाई 2025
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

प्रसिद्ध रंगकर्मी और मेघदूत नाट्य संस्था के संस्थापक एसपी ममगाई लिखित ऐतिहासिक नाटक “ज्योतिर्मयी पदमिनी” का लोकार्पण

शेयर करें !
posted on : जून 30, 2024 6:01 अपराह्न
  • वाणी और अभिनय से कलाकार कथानक को जीवंत करते हैं : सविता मोहन
देहरादून । प्रसिद्ध रंगकर्मी और मेघदूत नाट्य संस्था के संस्थापक एस.पी. ममगाई द्वारा ऐतिहासिक कथानक पर लिखित नाटक ज्योतिर्मय पदमिनी पुस्तक का लोकार्पण रविवार को दून पुस्तकालय और शोध केंद्र के सभागार में आयोजित सादे किंतु गरिमामय समारोह में संपन्न हुआ। उत्तराखंड की पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक और प्रख्यात शिक्षाविद डॉ. सविता मोहन इस अवसर पर मुख्य अतिथि थी जबकि समारोह की अध्यक्षता टिहरी राजपरिवार के संस्कृति ध्वजवाहक ठाकुर भवानी प्रताप सिंह ने की। डॉ. योगेश धस्माना तथा मो. इकबाल अजर इस मौके पर विशिष्ट अतिथि थे।
अपने संबोधन में डॉ. सविता मोहन ने कहा कि किसी भी कथानक को कलाकार अपनी वाणी और अभिनय से जीवंत बनाते हैं और जब दर्शक किसी नाटक के साथ आत्मसात होकर उसमें खुद को तलाशता है तो यही नाटक की सफलता होती है। उन्होंने कहा कि लेखक के भाव अभिनेता के माध्यम से जब दर्शक तक पहुंचते हैं और दर्शक मंत्रमुग्ध होकर उसमें खो जाता है तो नाटक का लेखन सफल माना जाता है। उनका कहना था कि नाटक भारतवर्ष की प्राचीन विधा है। भरत मुनि के नाट्य शास्त्र का भी उन्होंने उल्लेख किया।
डॉ. सविता मोहन ने पदमावती के चरित्र चित्रण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इतिहासकारों में इस चरित्र को लेकर मत भिन्नता है किंतु मलिक मोहम्मद जायसी ने जिस कथावस्तु के साथ पदमावत की रचना की वह अपने आप में अद्भुत है और उसे महज किसी कवि की कल्पना मात्र नहीं कहा जा सकता। उन्होंने इतिहासकारों द्वारा पदमिनी के सापेक्ष और निरपेक्ष दोनों पक्षों के प्रति तर्क देते हुए कहा कि सूफी परम्परा के कवि जायसी ने एक कालखंड का वर्णन तो किया ही है जो अपने आप में अद्भुत है। उन्होंने कलाकारों का आह्वान किया कि वे अपने अंदर अभिनय की भूख बनाए रखें। उनका कहना था कि नाटक के पात्र को जीना ब्रह्म को प्राप्त करने के समान साधना है।
डॉ. योगेश धस्माना ने अपने संबोधन में कहा कि नाटकों की रचना और उनका प्रस्तुतिकरण आज के दौर में चुनौती भरा काम है और इस काम को जिस शिद्दत के साथ ममगाई जी कर रहे हैं, वह निश्चित ही स्तुत्य कर्म है। उन्होंने उत्तराखंड की नाट्य परम्परा और इस क्षेत्र में काम कर चुके लोगों के कृतित्व पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। मो. इकबाल अजर ने कहा कि ममगाई जी का कार्य नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है और नाटकों के क्षेत्र में उनका योगदान विशिष्ट रहा है।
ठाकुर भवानी प्रसाद सिंह ने श्री ममगाई को बधाई देते हुए उनसे आग्रह किया कि गढ़वाल की गौरव गाथाओं को भी अपने नाटक की विषयवस्तु बनाएं। उन्होंने महारानी कर्णावती, फतेहप्रकाश तथा कतिपय अन्य विषयों का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड के इन ऐतिहासिक विषयों पर अभी तक काम नहीं हुआ है, इन पर नाट्य विधा के माध्यम से काम होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने यथोचित सहयोग की पेशकश भी की। इससे पूर्व सभी अतिथियों का शॉल ओढ़ा कर अभिनंदन किया गया।
रंगकर्मी एस.पी. ममगाई ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। गौरतलब है कि श्री ममगाई नाट्य कर्म को मिशन की तरह जीते हैं और अब तक अनेक नई प्रतिभाओं को तराश चुके हैं। श्री ममगाई ने कहा कि उन्होंने गहन शोध और अध्ययन के बाद इस नाट्य पुस्तक को तैयार किया है और रंगकर्मियों के लिए यह एक कथावस्तु के रूप में उपलब्ध है। कार्यक्रम के मध्य में नाटक ज्योतिर्मयी पदमिनी नाटक के कतिपय अंशों का कलाकारों द्वारा वाचिक अभिनय भी किया गया। इस अवसर पर संगीतकार रामचरण जुयाल ने हुड़का और मोछंग के साथ कलाकारों को संगत दी। नाटक में मेघदूत नाट्य संस्था की सिद्धहस्त कलाकार मिताली पुनेठा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार दिनेश शास्त्री ने किया।
इस अवसर पर देहरादून के वरिष्ठ रंगकर्मी अभि नंदा, वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत, दून पुस्तकालय के चंद्रशेखर तिवारी, वरिष्ठ साहित्यकार नीरज नैथानी, मेघदूत के उत्तम बन्दूनी, सपना गुलाटी, सिद्धार्थ डंगवाल, सुनील तंवर, विजय डबराल, अशोक मिश्र, नंद किशोर त्रिपाठी, सावित्री उनियाल, गिरिविजय ढौंढियाल, अंशुमन सजवान, वीरेंद्र ममगाई, अंजलि बुढाकोटी, गोकुल पंवार, मेघदूत के सचिव दिनेश बौड़ाई, सुरेंद्र सिंह सजवान तथा समय साक्ष्य प्रकाशन के प्रवीण भट्ट सहित अनेक छात्र छात्राएं और गणमान्य लोग उपस्थित थे।

हाल के पोस्ट

  • बिना वक्त गंवाये डीएम सविन बंसल ने राजू को सारथी वाहन से भेजा बर्न स्पेशलिस्ट helping hand हॉस्पिटल, Dr Kush से की बात
  • कोटद्वार में वन दरोगा की संदिग्ध मौत, सरकारी आवास पर मिले बेसुध
  • कोटद्वार : दो बच्चों को सांप ने डंसा, एक की हालत नाजुक, बरसात में रहे सावधान
  • उत्तराखंड में दर्दनाक हादसा, गदेरे में नहाते वक्त बहे 05 किशोर, दो की दर्दनाक मौत
  • उत्तराखंड में मौसम विभाग का अलर्ट, कई जिलों में ऑरेंज व येलो अलर्ट जारी
  • बीएड की फर्जी डिग्री से सरकारी नौकरी पाने वाले शिक्षक को 05 साल की कठोर कैद की सजा
  • नीति आयोग की मानव पूँजी से संबंधित क्रांति
  • नीलकंठ कांवड़ मेला क्षेत्र में पौड़ी पुलिस की पैनी नजर : लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में खाद्य व पेय पदार्थ विक्रेताओं का सत्यापन और गुणवत्ता जांच जारी
  • मंगलौर पुलिस ने बिछड़े 10 वर्षीय भोले को माता-पिता से मिलाया, गमजदा परिजनों के चेहरे पर लौटी मुस्कान
  • मंगलौर : पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बड़ी घटना होने से टली, आक्रोशित कांवड़ियों को पुलिस ने सूझबूझ से किया शांत
liveskgnews

सेमन्या कण्वघाटी हिन्दी पाक्षिक समाचार पत्र – www.liveskgnews.com

Follow Us

  • Advertise with us
  • Contact Us
  • Donate
  • Ourteam
  • About Us
  • E-Paper
  • Video

© 2017 Maintained By liveskgnews.

No Result
View All Result
  • होम
  • उत्तराखण्ड
  • उत्तरप्रदेश
  • राष्ट्रीय
  • धर्म
  • रोजगार न्यूज़
  • रोचक
  • विशेष
  • साक्षात्कार
  • सम्पादकीय
  • चुनाव
  • मनोरंजन
  • ऑटो-गैजेट्स

© 2017 Maintained By liveskgnews.