- भारी उद्योग मंत्री ने कहा, वास्तव में यह हिंदी का अमृतकाल है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैं इस दौर का हिस्सा हूं।
- हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीएचईएल), सीसीआई (सीमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया), ईपीआईएल (इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड), एचएसएल (हिंदुस्तान सॉल्ट लिमिटेड) और राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (रील) जयपुर जैसे सरकारी उपक्रमों में बढ़ रहा हिंदी का उपयोग।
मसूरी : भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय की अध्यक्षता में शुक्रवार को भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) की हिंदी सलाहकार समिति की 7वीं बैठक उत्तराखंड के मसूरी में संपन्न हुई। बैठक के दौरान भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हिंदी विश्व फलक पर स्थापित हो गई है। प्रधानमंत्री विश्वमंच पर अपनी बात हिंदी में ही रखते हैं। इससे विश्व स्तर पर हिंदी का प्रचार-प्रसार हुआ है और अब सरकारी कामकाज में हिंदी का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। खासकर, पिछले नौ वर्षों में केंद्र सरकार के कार्यालयों में हर स्तर पर हिंदी का काम जितना बढ़ा है, उतना पहले कभी नहीं रहा। केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा कि वास्तव में यह हिंदी का अमृतकाल है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैं इस दौर का हिस्सा हूं।
बैठक में भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव श्री कामरान रिजवी ने अपने संबोधन में कहा कि पहले फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले सिविल सेवा में अधिक चुने जाते थे, लेकिन अब हिंदी अपनी जड़ें जमा रही है और इस साल की सिविल सेवा परीक्षा के परिणाम में शुरुआती दस सफल परीक्षार्थियों में हिंदी भाषा के परीक्षार्थी हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी इतनी क्लिष्ट न हो कि आमजन उसे समझ न सकें। श्री रिजवी ने कहा कि डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय जी जैसा हिंदी प्रेमी मिलना मंत्रालय के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी हिंदी आसान हो, तो हिंदी का चलन और अधिक बढ़ सकता है। बैठक के दौरान भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीएचईएल), सीसीआई (सीमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया), ईपीआईएल (इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड), एचएसएल (हिंदुस्तान सॉल्ट लिमिटेड) और राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (रील), जयपुर जैसे उपक्रमों ने प्रजेंटेशन देकर बताया कि कैसे उनके यहां पर कामकाज में हिंदी का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। बड़े अधिकारियों से लेकर कर्माचारियों के बीच भी हिंदी में ही संवाद होता है। फाइल से लेकर पत्राचार का माध्यम भी हिंदी भाषा ही होती है। हिंदी को बढ़ावा देने के लिए कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जाता है। बैठक में संयुक्त सचिव (ऑटो)- डॉ. हनीफ कुरैशी जी और संयुक्त सचिव (भारी इंजीनियरिंग उपकरण और मशीन टूल्स)- विजय मित्तल जी सहित अन्य अधिकारियों व गणमान्य लोगों ने भाग लिया।


