- उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गरिमामय कार्यक्रम के साथ मनाया वीर बाल दिवस
- राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 08 बच्चों को कैबिनेट मंत्री ने किया सम्मानित
देहरादून : वीर बाल दिवस के अवसर पर उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बुधवार को अनुसंधान विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान (आईआरडीटी) ऑडिटोरियम, सर्वे चौक देहरादून में एक गरिमायम कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गुरू गोविंद सिंह जी के चारों वीर साहिबजादों- साहिबजादा अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह के अद्वितीय बलिदान को श्रद्धापूर्वक नमन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में साहस, नैतिक मूल्यों, आत्मसम्मान तथा अधिकारों के प्रति जागरूकता का प्रसार करना था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने आर्शीवचन पत्र के माध्यम से वीर बाल दिवस को महान वीर बालकों के अदम्य साहस, अटूट संकल्प और अनुपम बलिदान को अद्वितीय बताया। इस दौरान हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के विद्यार्थियों द्वारा गुरुबाणी कीर्तन की भावपूर्ण संगीतमय प्रस्तुति दी और सभी बच्चों, शिक्षकों एवं गणमान्य अतिथियों द्वारा एक सुर में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ का गायन भी किया गया।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि साहिबजादों का साहस, त्याग और धर्म के प्रति अटूट निष्ठा आज भी बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि साहिबजादों ने अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध खड़े होकर मानवता, धर्म और मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया, जो भारतीय इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि नन्हें साहिबजादों ने अत्याचारियों की बात न मानते हुए सिख धर्म की उस महान परम्परा को आगे बढ़ाया, जिसमें अन्यायी शासकों के सामने कभी न झुकने की शिक्षा दी गई है। उन्होंने कहा कि यह दिन एक संदेश देता है कि सच्चे साहस और बलिदान की कोई उम्र सीमा नहीं होती। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह के महान बलिदानी पुत्रों की शहादत को वीर बाल दिवस के रूप में मनाये जाने के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभाार व्यक्त किया। मंत्री ने बच्चों को देश का उज्ज्वल भविष्य बताते हुए उन्हें आत्मविश्वास और मूल्यों के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले 08 बच्चों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। राष्ट्रीय स्तर की शूटिंग प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर वैष्णवी सिंह, यमायर तोमर एवं योहाना तोमर को प्रमाण देकर सम्मानित किया गया। वहीं राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं में सूरज देव वर्मा, सारलोंग हानसे, योगा में अंकित पटेल, टेवल टेनिस में दनिराज त्रिपुरा तथा निबंध प्रतियोगिता में हेम्फू सारमोन एंग्थी को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों को बाल अधिकारों, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी दी और सुरक्षित एवं समावेशी समाज बनाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने बताया कि संकटग्रस्त बच्चों की सहायता एवं संरक्षण के लिए 24 घंटे 1098 टोल-फ्री आपातकालीन सेवा उपलब्ध है। डॉ. खन्ना ने जिला प्रशासन की पहल पर साधु राम इंटर कॉलेज, देहरादून में संचालित आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर की सराहना करते हुए कहा भीख मांगने वाले या स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को शिक्षा देकर मुख्यधारा से जोड़ना एक सराहनीय प्रयास है।
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने वीर बाल दिवस पर बच्चों के अधिकारों, कर्तव्यों और नैतिक मूल्यों की जानकारी दी तथा देश की महान विभूतियों के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने प्रशासन की ओर से बच्चों के कल्याण के लिए चल रही योजनाओं की जानकारी दी तथा कहा कि समाज का भविष्य बच्चों के हाथों में है, इसलिए उन्हें सुरक्षित, शिक्षित और सशक्त बनाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
आयोग के पदाधिकारियों ने भी बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करते हुए साहस, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलने का संदेश दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में आयोग के सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। उन्होंने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, बच्चों, शिक्षकों एवं सहयोगी संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर हेमकुंड मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, आयोग के सचिव डॉ. शिव कुमार वरनवाल, अनु सचिव डा.एसके सिंह, आयोग के पूर्व सदस्य विनोद कपरवान, डीपीओ जितेन्द्र कुमार, मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढ़ौडियाल सहित बड़ी संख्या में स्कूलों छात्र-छत्राएं, गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।


