देहरादून : शिक्षा विभाग के हजारों पद खाली हैं। जहां शिक्षकों के 6000 पद खाली हैं। वहीं, 1547 प्रधानाचार्य और अधिकारियों के 1547 पद खाली हैं। इन पदों को भरने की तैयारी विभाग ने शुरू कर दिया है। लेकिन, क्या शिक्षा विभाग को इतने पदों को भरना आसान नहीं है। उनके सामने बड़ी चुनौती है। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने सभी पदों को एक माह के भीतर भरने के निर्देश दिए हैं। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग कैसे इन पदों को भरेगी।
शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्यों के 998 और प्रधानाध्यापकों के 525 पद खाली हैं। इसके अलावा पिथौरागढ़ जिले में जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक और माध्यमिक का पद खाली चल रहा है। जबकि उत्तरकाशी में मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक, हरिद्वार में मुख्य शिक्षा अधिकारी, टिहरी में डीईओ बेसिक और माध्यमिक, पौड़ी में बीईओ बेसिक सहित प्रदेश भर में अधिकारियों के 24 से अधिक पद खाली हैं। चंपावत जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारी न होने पर जिला पर्यटन अधिकारी को सीईओ की जिम्मेदारी दे दी गई थी।
अधिकारियों के पद खाली होने से विभागीय कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि विभाग में अधिकारियों को इधर से उधर कर उनके जिलों में खाली पदों को भरा जा सकता है, लेकिन शिक्षकों के खाली पदों को इतने कम समय में भरना विभाग के लिए आसान नहीं है। वह भी तब जबकि सहायक अध्यापक एलटी एवं बेसिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया कानूनी दांव पेंच में उलझी हुई है।