- समीक्षा बैठक मंत्री ने पंचायतों को 29 विषयों के हस्तांतरण की प्रक्रिया को शीघ्र प्रारंभ करने के दिये निर्देश
देहरादून। केंद्र पोषित योजना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत कार्य योजना की वर्तमान स्थिति और 15वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि के साथ-साथ 73वें संविधान संशोधन के फलस्वरुप संविधान की 11वीं अनुसूची में वर्णित 29 विषयों की निधियां, कार्यों एवं कार्मिक त्रिस्तरीय पंचायत को हस्तांतरित किए जाने के साथ-साथ जलागम विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रदेश के पंचायती राज एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने विभागवार समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रदेश के पंचायती राज एवं जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने शुक्रवार को डांडा लखौंड, सहस्त्रधारा रोड स्थित पंचायती राज निदेशालय में पंचायतीराज विभाग एवं जलागम विभाग की विभागवार समीक्षा बैठक कर किये जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ वर्ष 2025-26 में केंद्र पोषित योजना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत राज्य के लिए स्वीकृत 179.40 करोड़ की वार्षिक योजना के सापेक्ष आवंटित प्रथम किस्त 25 करोड़ की धनराशि से किये जाने वाले कार्यों के साथ-साथ 73वें संविधान संशोधन के फलस्वरुप संविधान की 11वीं अनुसूची में वर्णित 29 विषयों की निधियां, कार्यों एवं कार्मिक त्रिस्तरीय पंचायत को हस्तांतरित किए जाने की प्रगति और प्रदेश की पंचायत में चुनकर आए जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के साथ-साथ अन्य गतिविधियों को समय से पूरा करने के पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
समीक्षा बैठक के पश्चात जानकारी देते हुए पंचायती राज मंत्री महाराज ने बताया कि वर्ष 2025 में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 126 अभ्यर्थियों को विभिन्न जनपदों में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई और वर्ष 2024 में सहायक विकास अधिकारी पंचायत के 17 रिक्त पदों पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी संवर्ग से पदोन्नति की गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान चयन वर्ष 2025-26 में सहायक विकास अधिकारी पंचायत के रिक्त पदों पर पदोन्नति हेतु प्रक्रिया गतिमान है और शीघ्र ही कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी।
पंचायतीराज एवं जलागम मंत्री महाराज ने ग्राम पंचायत स्तर पर सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से “ग्राम पंचायत जलागम विकास योजना” के निरूपण और ग्राम पंचायत स्तर पर चुने हुए प्रतिनिधियों की देखरेख में प्राकृतिक संसाधनों, जल स्रोतों के पुनरोद्धार एवं संरक्षण तथा कृषि उन्नति की कार्य योजनाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने बताया कि जलागम विभाग द्वारा प्रदेश में धारे-नौलों के संरक्षण के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में समिति का गठन करने के साथ-साथ धारे-नौलों एवं नदियों के चिन्हीकरण, उपचार हेतु स्थानीय भागीदारी सुनिश्चित कर उनके संरक्षण के लिए Spring and River Rejuvenation Authority (SARRA) के अन्तर्गत जीआईएस प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है। वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड एवं जहरीली गैसें के उत्सर्जन के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए खाली पड़ी निजी एवं सरकारी भूमि पर पेड़ लगाने के लिए कार्बन क्रेडिट योजना पर भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
बैठक में जलागम सचिव दिलीप जावलकर, पंचायती राज निदेशक निधि यादव, जलागम की परियोजना निदेशक कहकसा नसीन, अपर सचिव पंचायती राज श्याम सिंह, संयुक्त सचिव ध्रुव मोहन राणा, अपर निदेशक मनोज तिवारी एवं डॉ अनुज कुमार डिमरी सहित पंचायतीराज विभाग एवं जलागम विभाग के अनेक अधिकारी मौजूद थे।


