देहरादून : उत्तराखंड दौरे पर आए एक उच्च स्तरीय जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि भारत, विशेषकर उत्तराखंड के कुशल युवाओं के लिए जर्मनी में स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, लॉजिस्टिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटलीकरण क्षेत्रों में अपार रोज़गार संभावनाएं मौजूद हैं। तीन दिवसीय दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को सहसपुर स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में स्थापित ओवरसीज़ एम्प्लॉयमेंट सेल का निरीक्षण किया। यह केंद्र कौशल विकास एवं रोजगार विभाग, उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित है। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र में दिए जा रहे प्रशिक्षण की सराहना की और भविष्य में साझेदारी की इच्छा जताई।
प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित ओवरसीज़ एम्प्लॉयमेंट सेल का कार्य को सराहनीय बताते हुए कहा कि हम इसके साथ मिलकर जर्मनी के लिए सही प्रतिभा खोजने और प्रशिक्षित करने के इच्छुक हैं। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पहले से ही फिलिप्स मशीन टूल्स, श्नाइडर इलेक्ट्रिक और फेस्टो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ रोजगार उन्मुख पाठ्यक्रम चला रहा है। ओवरसीज़ एम्प्लॉयमेंट सेल अब तक 32 प्रशिक्षित युवाओं को जापान में सफलतापूर्वक रोजगार दिला चुका है।
जर्मनी में रोजगार के इच्छुक उम्मीदवारों को जर्मन भाषा में दक्षता प्राप्त करनी होगी तथा वहां की मानकों के अनुरूप पुनः प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान प्रशिक्षु को पहले वर्ष से तीसरे वर्ष तक 600 से 1000 यूरो मासिक प्राप्त होंगे और उद्योग में समायोजन के बाद आय 1500 यूरो या उससे अधिक तक पहुँच सकती है। इन्वेशन हब राइन–माइन, (Rhein Main) जर्मनी के सीईओ श्री स्टीफन विट्टेकिंड (Stephan Wittekind) ने कहा, जर्मनी में स्वास्थ्य क्षेत्र, विशेषकर नर्सिंग, और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारतीय युवाओं के लिए बेहद बड़े अवसर उपलब्ध हैं। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उत्तराखंड के युवा यदि भाषा दक्षता और कौशल उन्नयन के साथ तैयार किए जाएं तो वे जर्मनी के औद्योगिक क्षेत्रों की ज़रूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।


