posted on : मार्च 25, 2025 11:10 अपराह्न
उत्तरकाशी : जिलाधिकारी डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में पर्यटन एवं सेवा क्षेत्र के विकास में बैंकों से अधिकाधिक सहयोग करने की अपेक्षा करने के साथ ही जिले के प्रमुख यात्रा पड़ावों एवं पर्यटन स्थलों पर बैंकिंग एवं एटीएम सुविधाओं का विस्तार किए जाने के के निर्देश दिए हैं।
आज जिला कार्यालय सभागार में आयोजित जिला परामर्शदात्री समिति (डीएलआरसी) एवं जिला पुनरीक्षण समित (डीसीसी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कृषि, बागवानी जैसे संभावनाशील क्षेत्रों के साथ ही आजीविका संवर्द्धन से संबंधित ऋण योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित करने निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने बैंकों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं व सुविधाओं तथा विभिन्न योजनाओं में बैंकों द्वारा किए गए वित्त पोषण की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना, पीएमजीवाई, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना आदि सरकारी योजना में बैंकों की प्रगति को भी बढ़ाने को कहा है।
जिलाधिकारी ने आम जन के लिए ऋण सुविधा को सुलभ और आसान बनाने के साथ ही समय से सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया। जिलाधिकारी ने चारधाम यात्रा की आवश्यकता के दृष्टिगत घोड़े-खच्चरों के लिए अधिकाधिक ऋण की सुविधाएं देने पर भी विचार करने और वोकल फॉर लोकल की थीम के आधार पर स्वयं सहायता समूहों को भी पर्याप्त वित्तीय सुविधाएं और समर्थन के साथ ही विपणन प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा की जिले में पर्यटन के क्षेत्र को विकसित करने और सेवा के अन्य क्षेत्रों बढ़ावा देने वाली योजनाओं के अंतर्गत ऋण सुविधाओं को सुगम बनाया जाए। चारधाम यात्रा के समय बैंकिंग व्यवस्था को सुचारू रखने एटीएम की संख्या बढ़ने के साथ साथ ऐसे स्थान जहा पर धार्मिक यात्री तथा पर्यटकों की आवाजाही अधिक रहती में एटीएम सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा जनपद उत्तरकाशी ट्रेकिंग में अग्रणी जनपद है अतः ट्रेकिंग मार्गों के शुरूआती स्थानों में भी बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया जाय। हर्षिल, खरसाली, सांकरी, केदारकांठा और जानकीचट्टी जैसे क्षेत्रों में भी एटीएम सुविधा उपलब्ध कराई जाय।
बैठक में बाया गया कि जिले का ऋण जमा अनुपात पिछले त्रैमास में 51.68 प्रतिशत रहा है। जो कि पर्वतीय जिलों के लिए निर्धारित 40 प्रतिशत की न्यूनतम सीमा से अधिक है। बैठक में त्रृण-जमा अनुपात की स्थिति में और सुधार किए जाने की अपेक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निजी क्षेत्र के बैंकों को भी अपनी सुविधाएं और बेहतर तरीके से जन-जन तक पहुंचने और जनपदवासियों को यथा-आवश्यक ऋण सुविधाएं भी सुचारू रूप से प्रदान करने के निर्देश दिए।
बैठक में लीड बैंक प्रबंधक राजीव कुमार सिंह, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक गुरूविंदर सिंह आहूजा, भा. स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक ब्रह्मानंद सिंह, जिला सहकारी बैंक के डीजीएम सुभाष शाह, जिला विकास अधिकारी रमेश चन्द्र, मुख्य कृषि अधिकारी सचिन कुमार, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र शैली डबराल, सहायक निदेशक डेयरी पीयूष आर्य सहित विभिन्न विभागों व बैंकों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।


