देहरादून : एक समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचार ‘अजब पूरे स्कूल में दसवीं का एक ही छात्र, वो भी सभी विषयों में फेल’ का संज्ञान तत्काल महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान द्वारा लिया गया। उनके द्वारा प्रकरण को गम्भीर मानते हुये इसकी जांच मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल द्वारा करायी गयी। मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल द्वारा 05 मई 2025 को सम्बन्धित विद्यालय की जांच करते हुये शिक्षकों को शिक्षण कार्य में उदासीन पाया गया तथा अपनी जांच विभाग को उपलब्ध करा दी गयी है।
विभागीय स्तर से महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा झरना कमठान द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार जनपद स्तर से मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा की गयी जांच में पाया गया है कि विद्यालय स्तर पर मुख्यतः कार्यरत अध्यापकों के मध्य परस्पर समन्वयन का अभाव रहा है तथा शिक्षक भी शिक्षण अधिगम के प्रति उदासीन रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप कक्षा 6 से 10 में वर्तमान में अध्ययनरत कुल 12 बच्चों का अधिगम स्तर भी अपेक्षित नहीं रहा है। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि शिक्षकों की उदासीनता का प्रभाव आगे भी पड सकता है। विद्यालय में कक्षा दसवीं के एकमात्र छात्र के अनुत्तीर्ण होने के सम्बन्ध में प्राप्त आख्या में यह स्पष्ट किया गया है कि बच्चा पढ़ने लिखने में अत्यधिक कमजोर है तथा अपने पिता का नाम भी नहीं लिख पा रहा है। इस प्रकार बच्चा लगभग विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की भांति है। शिक्षकों के द्वारा विद्यालय में निश्चित रूप से पठन पाठन को गम्भीरता से नहीं लिया गया है इसलिये विद्यालय की छात्र संख्या भी कम है तथा बच्चों का अधिगम स्तर भी नहीं सुधरा है।
महानिदेशक झरना कमठान द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल द्वारा प्रकरण में शिक्षकों की लापरवाही को देखते हुए सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य का वित्तीय प्रभार निकटवर्ती अटल उत्कृष्ठ रा०इ०का० पतलोट को हस्तांतरित कर दिया गया है तथा विद्यालय के सभी शिक्षकों को शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिये प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने की अनुसंशा की गयी है जिसका क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जायेगा। इसके साथ ही जॉच में विद्यालय के वरिष्ठ सहायक को कार्यालय सम्बन्धी कार्यों में उदासीनता, अभिलेखों का उचित रख रखाव न किये जाने, वित्तीय अभिलेख अपडेट न रखने आदि को देखते हुये शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिये प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने की अनुसंशा की गयी है। इसका भी कियान्वयन सुनिश्चित किया जायेगा।
महानिदेशक द्वारा प्रदेश के सभी शिक्षकों, प्रधानाचार्यों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालय बच्चों के पठन पाठन एवं विद्यालयी गतिविधियों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें यदि इस प्रकार का कोई प्रकरण भविष्य में परिलक्षित होता है तो ऐसे शिक्षकों, प्रधानाचायों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।


