posted on : मई 16, 2024 4:59 अपराह्न
देहरादून : उत्तराखण्ड राज्य में समय-समय पर आयोजित स्नान पर्वों, त्यौहारों, मेलों, कुम्भ मेला, कावंड़ मेला, चारधाम यात्रा आदि व पर्यटक स्थलों आदि पर भारी संख्या में पर्यटक/श्रद्धालु रेल मार्ग द्वारा राज्य में प्रवेश करते है। उत्तराखण्ड राज्य में कुल 36 रेलवे स्टेशन है। उक्त रेलवे स्टेशनों पर प्रतिदिन लगभग 172 रेल गाड़ियों का संचालन होता है, जिसमें प्रतिदिन औसतन 02 लाख यात्री यात्रा करते है। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों एवं ट्रेनों की सुरक्षा के दृष्टिगत रेलवे स्टेशनों पर भगदड़, रेलों में आगजनी, रेल दुर्घटनाओं एवं आतंकवादी घटनाओं के घटित होने की स्थिति में जीआरपी द्वारा तत्काल की जाने वाली कार्यवाही के सम्बन्ध में पुलिस उपमहानिरीक्षक, जीआरपी, उत्तराखण्ड पी रेणुका देवी के निर्देशन में पृथक-पृथक मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की गयी है।
उपरोक्त मानक प्रचालन प्रक्रियाओं (SOP) में मुख्यतः सभी रेलवे स्टेशनों पर फर्स्ट रिस्पांस टीम के सम्बन्धित उपकरणों सहित मौके पर पहुंचने, कन्ट्रोल रुम स्थापित करने, सर्वसम्बन्धित विभागों यथा-आरपीएफ, रेलवे, जिला प्रशासन आदि के साथ समन्वय करना, कानून व्यवस्था बनाये रखना, रेलवे स्टेशनों/घटना स्थलों पर पीए सिस्टम के माध्यम से यात्रियों को अफवाहों के खण्डन की कार्यवाही करने, घायलों को प्राथमिक उपचार दिये जाने तथा गम्भीर रुप से घायल व्यक्तियों को निकटतम अस्पताल पहुंचाने, घटना/घटनास्थल की फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी करने, घटना के साक्ष्यों को सुरक्षित रखने एवं SOP में घटना के समय कार्मिकों की भूमिका आदि के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये है।
उपरोक्त घटनाओं के सम्भावित खतरे के दृष्टिगत तैयारी की स्थिति में रहने हेतु सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित कर SOP में दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुरुप समय-समय पर मॉकड्रिल कराये जाने हेतु पुलिस अधीक्षक, जीआरपी, उत्तराखण्ड, हरिद्वार को निर्देशित किया गया है।