गोपेश्वर/कर्णप्रयाग / चमोली । उच्च शिक्षा मंत्री की ओर से महाविद्यालयों की ऑन लाइन परीक्षा के निर्णय से चमोली जिले के छात्र-छात्राओं की चिंता गहरा गई है। छात्रों का कहना है कि चमोली जिले में बड़ी संख्या में महाविद्यालयों के छात्र संचार विहीन क्षेत्रों में निवास करते हैं। ऐसे में ऑन लाइन परीक्षा जिले के छात्रों के लिये बड़ी चुनौती है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने मामले में शुक्रवार को उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर मामले के पुर्नविचार कर छात्रों की सुविधा अनुसार परीक्षा आयोजित करवाने की व्यवस्था करने की मांग उठाई है।
लॉकडाउन के चलते राज्य में जहां महाविद्यालयों का संचालन बंद पड़ा हुआ है। वहीं अब छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए उच्च शिक्षा मंत्री की ओर से ऑन लाइन परीक्षा आयोजित करवाने की बात कही गई है। जिससे संचार सेवा की बदहाली की मार झेल रहे चमोली जिले के छात्रों की चिंता गहराने लगी है। महाविद्यालय गोपेश्वर के डा. दर्शन नेगी और डा. दिनेश सती का कहना है कि ऑन लाइन परीक्षा मैदानी क्षेत्रों में सुगमता से करवाई जा सकती है। लेकिन चमोली जैसे जिले में ऑन लाइन परीक्षा का आयोजन छात्रों के साथ ही महाविद्यालयों के लिये भी चुनौती है। बताया कि इन दिनों संचार की बदहाली के चलते महज 50 फीसदी छात्र-छात्राएं ही ऑन लाइन कक्षाओ का लाभ ले पा रहे हैं।
इधर एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष संदीप नेगी का कहना है कि ऑन लाइन परीक्षा से चमोली जिले के कई छात्र जो संचार विहीन क्षेत्रों में रह रहे है उनके साथ अन्याय है। जिसके लिए उनके संगठन ने ज्ञापन देकर इस पर पुर्नविचार की मांग की है।
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