चमोली । उत्तराखंड के चारधामों में गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरु होने के बाद अब पूर्व काबिना मंत्री राजेंद्र भंडारी ने भी बदरीनाथ धाम के कपाट के यथासमय खुलने की पैरवी की है। वहीं एनएसयूआई चमोली इकाई ने मंगलवार को जिलाधिकारी चमोली के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर बदरीनाथ धाम में पूर्व निर्धारित तिथि से पूजा-अर्चना करवाने को लेकर पुर्नविचार करने की मांग उठाई है।
बता दें कि बदरीनाथ धाम के कपाट पूर्व में 30 अप्रैल को खुलने थे। लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने गढवाल नरेश की सहमति के बाद तिथि को 15 मई कर दिया है। तिथि परिवर्तन के बाद से ही जहां बदरीनाथ धाम से जुड़े हक-हकूकधारी गढवाल नरेश के निर्णय के पक्ष में खड़े हैं। वहीं विपक्ष के नेता और स्थानीय लोग तिथि परिवर्तन को लेकर पुर्नविचार की मांग कर रहे हैं। ऐसे में अब देर से ही सही लेकिन बदरीनाथ के पूर्व विधायक व कैबिनेट मंत्री रहे राजेंद्र भंडारी ने सोशल मीडिया पर मामले में जनता की राय मांगी है। उन्होंने सरकार की ओर से चार धामों में से महज बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि परिर्वतन को लेकर सवाल उठाते हुए सरकार पर परम्पराओं की अनदेखी का आरोप लगाया है।
वहीं एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष ने मंगलवार को मामले में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पूर्व निर्धारित तिथि पर बदरीनाथ धाम में पूजा-अर्चना शुरु करवाने पर पुर्नविचार करने की मांग की है। संगठन के जिलाध्यक्ष संदीप नेगी का कहना है कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि में परिवर्तन होने से हिन्दू मतावलम्बी निराश हैं। सरकार को सनातन परम्परा को अक्षुण रखने के लिये विचार करना चाहिए।



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