चंपावत : उत्तराखंड के चंपावत जिले के खरही गांव के 23 वर्षीय अग्निवीर दीपक सिंह का जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से निधन हो गया। दीपक सिंह दो साल पहले अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और मेंढर सेक्टर की अग्रिम चौकी पर तैनात थे।
घटना 22 नवंबर (शनिवार) दोपहर करीब 2:30 बजे की बताई जा रही है। चौकी पर अचानक गोली चलने की आवाज सुनकर अन्य जवान मौके पर पहुंचे तो दीपक सिंह खून से लथपथ मिले। उन्हें तुरंत बटालियन मेडिकल कैंप ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सेना और स्थानीय पुलिस ने मामले की संयुक्त जांच शुरू कर दी है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि गोली दुर्घटनावश चली या इसके पीछे कोई अन्य कारण है।
मातृ-पितृ केवल पुत्र की शादी की तैयारी में जुटे थे मृतक दीपक सिंह के पिता शिवराज सिंह और मां तारा देवी ने बताया कि बेटे की शादी की तैयारियां चल रही थीं। मात्र 10 दिन पहले ही दीपक छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटा था। गांव के खरही मेले में भी वह पूरे उत्साह से शामिल हुआ था। अचानक आई इस दुखद खबर से मां सदमे में हैं और पिता खुद को संभाल नहीं पा रहे हैं। दीपक चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर के थे; दो बड़ी बहनें और एक छोटा भाई है।
पार्थिव शरीर सोमवार तक गांव पहुंचने की संभावना सेना के अधिकारियों के अनुसार, दीपक सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार तक उनके पैतृक गांव खरही (पाटी विकासखंड) पहुंच जाएगा, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह अधिकारी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य भोला सिंह बोहरा, सोनू बोहरा, चंद्रशेखर जोशी, तुलसी शर्मा, सूरज बोहरा, यशवंत सिंह कुमार, भगवान सिंह कुंवर सहित अनेक जनप्रतिनिधि और ग्रामीण परिवार से मिलने पहुंचे और शोक-संतप्त परिजनों को सांत्वना दी।
चंपावत जिला मुख्यालय सहित पूरे पाटी क्षेत्र में शोक की लहर है। लोग अग्निवीर दीपक सिंह को देश की रक्षा करते हुए दिए गए सर्वोच्च बलिदान के लिए श्रद्धांजलि दे रहे हैं।


