द्रपुर/देहरादूनः यूक्रेन और रूस का टकराव युद्ध में बदल गया है. यूक्रेन में हालत बेहद ही गंभीर हैं और लोग अपने घरों को कैद होने को मजबूर हैं. वहीं, यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच यूक्रेन में रहने वाले भारतीयों के लिए परिजनों की चिंता बढ़ गई है. यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे उत्तराखंड के 30 से 35 बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिजन काफी चिंतित हैं. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. परिजनों ने भारत सरकार से बच्चों को सकुशल भारत लाने की मांग की है.
यूक्रेन की राजधानी कीव समेत लिवीव, खारकीव जैसे शहरों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए देहरादून से गए छात्र और छात्राओं के परिजन उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. हाथीबड़कला केंद्रीय विद्यालय में अध्यापिका रश्मि बिष्ट का बेटा सूर्यांश सिंह बिष्ट यूक्रेन के लिवीव मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. रूस और यूक्रेन के बीच विवाद की खबरें मीडिया में आने के बाद रश्मि को बेटे की चिंता सताने लगी है.
इसके अलावा रसूलपुर अफजल गढ़ उत्तरप्रदेश के मोहम्मद आमिर और मोहम्मद सारिफ, सहारनपुर के जुनैद मालिक व हरियाणा निवासी मोहित फंसे हुए हैं. परिजनों ने बताया कि उनके बच्चे ने 27 फरवरी का एयर टिकट लिया है. लेकिन देश में बिगड़ते हालात को देखते हुए सभी फ्लाइट्स को रद्द कर दिया गया है. रुद्रपुर प्रीत बिहार के रहने वाले हाजी मोहम्मद यूनुस ने बताया कि उनके बेटे सहित यूपी, हरियाणा के 8 बच्चे एक साथ मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. उनकी सुरक्षा को लेकर हम सब परेशान हैं. उन्होंने भारत सरकार से मांग करते हुए कहा कि देश के बच्चों को सकुशल भारत लाया जाए.