जोशीमठ (चमोली)। भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र के अंतिम गांव नीती स्थिति नीती महादेव मंदिर में बीते दिनों हुई बर्फवारी और कड़ाके की ठंड से बाबा बर्फानी प्रकट हो गये है। ऐसे में घाटी में अपने घरों की रेखदेख करने गये ग्रामीणों ने मंदिर में पहुंचकर बाबा बर्फानी की पूजा अर्चना की।
बता दें कि नीती गांव के नीति महादेव मंदिर में शीतकाल में प्रतिवर्ष बर्फ के शिवलिंग का निर्माण होता है। जो यहां मार्च के पहले सप्ताह तक यहां मौजूद रहता है। लेकिन यहां प्रकट होने वाले बाबा बर्फानी के प्रचार-प्रसार की कमी और भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में शीतकाल में आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध के चलते प्रकृति और आस्था के चमत्कार की जानकारी सीमित लोगों को ही है। बीते कुछ वर्षों से स्थानीय ग्रामीण लगातार सरकार से अमरनाथ की तर्ज पर शीतकाल में नीती घाटी में पर्यटन और तीर्थाटन गतिविधियों के संचालन की मांग कर रहे हैं।
स्थानीय निवासी धर्मेन्द्र पाल, धीरेंद्र गरोडिया और राजेंद्र सिंह का कहना है कि नीती महादेव में अमरनाथ की ही भांति बर्फ का शिवलिंग प्रतिवर्ष प्रकट होता है। लेकिन जानकारी के अभाव में आस्थावान लोगों को यहां की जानकारी नहीं है। कहा कि बीते तीन वर्षों से स्थानीय ग्रामीणों की ओर से फरवरी माह में नीती महादेव की यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। कहा यदि सरकार की ओर नीती घाटी के बाबा बर्फानी की यात्रा को लेकर पुख्ता कार्य योजना बनाई जाती है। तो चमोली जिले के शीतकालीन पर्यटन में इजाफा हो सकता है।
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