थराली (चमोली)। छह माह नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा थराली में प्रवास के बाद मां नंदा राजराजेश्वर देवी का उत्सव डोली आगामी तीन जनवरी को सिद्धपीठ कुरूड़ घाट के लिए रवाना होगी।
बता दें कि वेदनी में बीते 25 अगस्त को संपन्न हुई नंदा लोक जात के बाद एक सितंबर को राजराजेश्वर नंदा भगवती की उत्सव डोली थराली विकासखंड के सिद्धपीठ देवराड़ा मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गई थी। यहां पर छह माह प्रवास के बाद अगले छह माह के प्रवास के लिए कुरूड़ स्थित नंदा सिद्धपीठ के लिए रवाना होगी। मंदिर समिति देवराड़ा के अध्यक्ष भूवन हटवाल, पुजारी मंडली के अध्यक्ष मंशाराम गौड़ ने बताया कि ज्योतिषाचार्य पं. पारेस्वर देवराड़ी की गणना के अनुसार तीन जनवरी को नंदा देवी का उत्सव डोली देवराड़ा सिद्वपीठ से विधि-विधान के साथ बहार निकाली जाएगी। उसके बाद तमाम पड़ावों से होते हुए 13 जनवरी को सिद्धपीठ कुरूड़ में विराजमान हो जाएगी।
नंदा उत्सव डोली के पड़ाव के पर पहुंचने की तिथि
नंदा देवी की उत्सव डोली के विभिन्न पड़ावों पर पहुंचने के कार्यक्रम के अनुसार तीन जनवरी को उत्सव डोली की यात्रा सिद्धपीठ देवराड़ा से होते हुए दोपहर भोजन के लिए सिनेई तल्ली होते हुए रात्रि विश्राम के लिए भेटा गांव पहुंचेगी। अगले दिन चार जनवरी को भेटा से रायकोली होते हुए चोंड़ा, पांच को चोंड़ा से काखड़ा होते हुए सोनला, छह को सोनला से देवलग्वाड होते हुए सुनाऊं तल्ली, सात को सुनाऊं तल्ली से पैनगढ़ होते हुए सिलोड़ी, आठ को सिलोड़ी होते हुए कोठा, नौ को कोठा से चिड़िगा तल्ला होते हुए अंगतोली, 10 को अंगतोली से सेनार होते हुए असेड़ सिमली, 11 को असेड़ सिमली से होते हुए नाखोली होते हुए सणकोट, 12 को सणकोट से घाट विकासखंड के बांसबगड़ होते हुए रात्रि विश्राम के लिए सेंती गांव स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुंचेगी। उसके बाद 13 जनवरी को सेंती में लक्ष्मीनारायण मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना के बाद उत्सव डोली कीs यात्रा शिव मंदिर घाट पहुंचेगी यहां पर भी मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद उसी दिन कुरूड़ गांव पहुंचेगी जहां पर पूरे विधि-विधान के साथ नंदा की डोली छह माह के प्रवास के लिए यहां स्थित नंदा देवी के सिद्धपीठ में विराजमान हो जाएगी। यही से नंदा देवी लोक राजजात यात्रा 2021 में शुरू होगी। यात्रा की तिथि निकलने के साथ ही नंदा की विदाई की पिंडर घाटी में तैयारियां भी शुरू होने लगी हैं।
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